देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बने हैं. जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम बने हैं. पिछली सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे. लेकिन इस बार उनको उपमुख्यमंत्री के पद से ही संतोष करना पड़ा है. लेकिन महाराष्ट्र की सियासत में एकनाथ शिंदे इकलौते ऐसे लीडर नहीं हैं, जो मुख्यमंत्री रहने के बाद मंत्री बने हैं. सूबे में ऐसे कई लीडर हैं, जो पहले मुख्यमंत्री बने और फिर दूसरी सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली. चलिए आपको ऐसे ही नेताओं के बारे में बताते हैं.
देवेंद्र फडणवीस-
एकनाथ शिंदे की तरह देवेंद्र फडणवीस का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. फडणवीस पहली बार साल 2014 में मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन साल 2019 में उनकी सरकार चली गई. लेकिन जल्द ही महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने. इस सरकार में देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया. इसका मतलब है कि एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में फडणवीस मंत्री बने.
नारायण राणे-
साल 1999 में शिवसेना लीडर नारायम राणे मुख्यमंत्री बने. उनको बाल ठाकरे ने मनोहर जोशी की जगह सूबे की कमान सौंपी थी. लेकिन कुछ सालों बाद यानी साल 2005 में उन्होंने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद साल 2010 में राणे पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार में मंत्री बने. उनके पास उद्योग, खनन जैसे अहम विभाग थे.
अशोक चव्हाण-
कांग्रेस लीडर अशोक चव्हाण साल 2008 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे. साल 2009 में कांग्रेस की सरकार बनी तो फिर से अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री बने. लेकिन घोटाले में नाम उछलने के बाद उनको पद से इस्तीफा देना पड़ा. साल 2019 में जब शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनेगी तो अशोक चव्हाण को कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाया गया.
एसबी चव्हाण-
शंकरराव चव्हाण 12 मार्च 1986 से 26 जून 1988 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. इससे पहले शंकरराव चव्हाण 21 फरवरी 1975 से 16 मई 1977 तक भी मुख्यमंत्री रहे थे. लेकिन साल 1978 में जब शरद पवार मुख्यमंत्री बने तो एसबी चव्हाण उनकी कैबिनेट में मंत्री बने थे.
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