महाराष्ट्र के लोगों को रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन का तोहफा! बस यात्रियों के लिए सस्ता होगा सफर, बेड़े में शामिल होंगी नई बसें 

दो साल पहले उठाए गए कदमों के बाद, एमएसआरटीसी ने अब अपने बेड़े में पट्टे पर 1300 नई बसें जोड़ने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत मुंबई-पुणे क्षेत्र, नासिक-संभाजीनगर और नागपुर-अमरावती जैसे हर खंड के लिए लगभग 450 बसें सेवा में लगाई जाएंगी. 

Bus services (Photo: Social Media)
gnttv.com
  • मुंबई ,
  • 18 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST
  • यात्रियों की संख्या घटी है 
  • नए साल में शुरू हो सकती है सेवा   

महाराष्ट्र के लोगों को महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (MSRTC) ने नए साल का तोहफा दिया है. ये तोहफा बस यात्रियों के लिए है. एमएसआरटीसी बेड़े में 1300 से ज्यादा बसें शामिल होने वाली हैं. इससे लोगों को बसों में यात्रा करने में और सहूलियत होने वाली है. 

बता दें, पिछले कुछ सालों में बसों की कमी के कारण दैनिक यात्रियों की संख्या 11 लाख की कमी आई है. कोविड से पहले, एमएसआरटीसी के पास लगभग 18,500 बसों का बेड़ा था, जिनमें से 15,500 बसें सेवा में थीं और 65 लाख यात्री प्रतिदिन एसटी बसों से यात्रा कर रहे थे. 

यात्रियों की संख्या घटी है 
हालांकि, कोविड के बाद बसों की स्थिति खराब होने और नई बसों की कमी के कारण लगभग 1,000 बसों की कमी हो गई. वर्तमान में केवल 14,500 बसें ही सेवा में हैं. इसके कारण यात्रियों की संख्या 65 लाख से घटकर 54 लाख हो गई है. मांग के बावजूद बसों की कमी के कारण एमएसआरटीसी को कई वर्षों तक घाटे का सामना करना पड़ा. 

दो साल पहले उठाए गए कदमों के बाद, एमएसआरटीसी ने अब अपने बेड़े में पट्टे पर 1300 नई बसें जोड़ने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत मुंबई-पुणे क्षेत्र, नासिक-संभाजीनगर और नागपुर-अमरावती जैसे हर खंड के लिए लगभग 450 बसें सेवा में लगाई जाएंगी. 

नए साल में शुरू हो सकती है सेवा   
इन नई बसों के नए साल से सेवा में आने की संभावना है. इसलिए, एमएसआरटीसी को अपने घाटे की भरपाई करके लाभ कमाने की उम्मीद है. इससे राज्य के उन गरीब लोगों को भी लाभ मिलेगा जो एसटी सेवाओं का उपयोग करते हैं. इससे यात्रा सस्ती हो जाएगी और मुद्रास्फीति का प्रभाव कम हो जाएगा. इसलिए, राज्य के सभी कोनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एमएसआरटीसी की ओर से यह एक विशेष नववर्ष उपहार होगा. 

(दिपेश त्रिपाठी की रिपोर्ट)


 

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