जम्मू कश्मीर के पुलवामा स्थित एक गांव में जून 2024 में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन को सफल अंजाम देने वाले मेजर आशीष दहिया को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा. इसकी घोषणा दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान की गई. लाडले को शौर्य चक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद से परिवार के साथ गांव में खुशी का माहौल है.
शौर्य चक्र के लिए किया गया नामित
आपको बता दें, आशीष दहिया ने नर्सरी से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई शिवा शिक्षा सदन से पूरी की. स्कूल के निदेशक अरुण बंसल व ज्योति शर्मा ने बताया कि आशीष दहिया शुरू से ही पढ़ाई में होनहार रहे हैं और सभी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लेते थे. साल 2010-11 में उन्होंने 12वीं पास की. आशीष दहिया को शौर्य चक्र के नामित किए जाने से स्कूल में भी खुशी का माहौल बना रहा.
एक खतरनाक ऑपरेशन को दिया था अंजाम
भारतीय सेना के मेजर आशीष दहिया ने अपने अदम्य साहस, निस्वार्थ कर्तव्य भाव और असाधारण नेतृत्व का परिचय देते हुए एक जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था. जून 2022 से अब तक पांच उच्च जोखिम वाले अभियानों में भाग लेकर उन्होंने चार कट्टर आतंकवादियों और तीन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को निष्क्रिय किया.
दो जून 2024 को पुलवामा के एक गांव में उन्होंने एक ऑपरेशन का नेतृत्व किया. आतंकवादियों के हमले की सटीक जवाबी कार्रवाई की, जिससे एक भागते आतंकवादी को गंभीर रूप से घायल कर दिया. भीषण गोलीबारी के बीच आतंकवादी की तरफ से फेंके गए ग्रेनेड से एक घायल सैनिक को न सिर्फ बचाया बल्कि सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचाया.
बहादुरी के लिए जाने जाते
आशीष दहिया ने दक्षिण कश्मीर के सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहे ए प्लस-प्लस श्रेणी के आतंकवादी को मारा. उनके इस बहादुरी भरे कदम ने न केवल ऑपरेशन को सफल बनाया, बल्कि आतंकवादी नेटवर्क को भी करारा झटका दिया. मेजर आशीष दहिया के इस अदम्य साहस, लोगों व मिशन के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता, साहसिक योजना, एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के निर्भीक निष्पादन के लिए उन्हें शौर्य चक्र पुरस्कार के लिए अनुशंसित किया गया.
बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित
सोनीपत के गांव के सरपंच कर्मबीर सिंह फौजी ने कहा कि आशीष का गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा. गांव ककरोई निवासी मेजर आशीष दहिया के ताऊ जगबीर सिंह ने बताया कि वह दिल्ली पुलिस से बतौर उप निरीक्षक सेवानिवृत्त हैं और सेक्टर-23 में रहते हैं.
उन्होंने बताया कि आशीष व उनके भाई अनीश दोनों जुड़वां हैं. उनके पिता स्व. अशोक दहिया भी आर्मी में लांस नायक थे. ऐसे में दोनों भाईयों को देश सेवा का जज्बा विरासत में मिला है. वह जब छह वर्ष के थे, तब उनके पिता का हृदयाघात से निधन हो गया था. उनकी मां सविता दहिया ने हमेशा बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. आशीष के भाई अनीश व पत्नी अनुषा दहिया भी आर्मी में बतौर मेजर देश की सेवा कर रहे हैं.
(पवन राठी की रिपोर्ट)