क्या आपने कभी सोचा है या कही देखा है कि कूड़े से भी सुगंध आ सकती है? तो आपका जवाब शायद ना ही होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ही न्यूज बताएंगे, जहां एक लड़की ने खराब पड़े फूलों से यह चमत्कार किया.
वेस्ट से बेस्ट बनाने की चाह
सूरत शहर के महिधरपुरा इलाके में रहने वाली 22 वर्षीय मैत्री जरीवाला. मैत्री अभी कॉलेज में हैं और कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं. मैत्री ने पिछले साल मार्च महीने में वेस्ट एग्रीगेशन विषय के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था. प्रॉजेक्ट के तहत मैत्री जरीवाला वेस्ट से बेस्ट बनाने की चाह में कुछ ऐसा करना चाहती थी कि जिसका उपयोग घर में भी किया जा सके. मैत्री जरीवाला ने पहली बार कॉलेज के प्रॉजेक्ट के तहत कूड़े में फेंके गए फूलों से होली के रंग बनाए थे.
कैसे आया आइडिया?
मैत्री हर रोज कॉलेज से घर लौटते वक्त देखती थी कि मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान को चढ़ाए गए फूल मंदिर के बाहर कूड़े में फेंक दिए जाते हैं. इससे मैत्री के दिमाग में एक आइडिया आया. मैत्री ने कूड़े में फेंके गए फूलों से कुछ नया बनाने का फैसला किया और फिर वो हर दिन मंदिर से कूड़े में फेंके गए फूलों को इकट्ठा कर अपने घर लाने लगी. उसके बाद उन विविध प्रकार के फूलों को अलग-अलग करके मैत्री ने उन्हें घर में ही फैलाकर सुखाना शुरू कर दिया. मैत्री धूप में इन फूलों को सुखाने के बाद बिना केमिकल का उपयोग किए इससे साबुन, अगरबत्ती, खाद,सॉलिड परफ़्यूम, ऐयर फ़्रेशनर और नारियल के छिलकों से कोकोपिट तैयार करती हैं, जिसका इस्तेमाल इंडोर प्लांट में किया जा सकता है.
मैत्री की मदद करते हैं कॉलेज के छात्र
मैत्री जरीवाला ने बातचीत में बताया कि कूड़े के फूलों से अगरबत्ती बनाने में तीन दिन लगते हैं. वहीं इन फूलों से नहाने का साबुन बनाने में 6 हफ्ते लगते हैं, जिसमें नारियल तेल और ग्लिसरीन का इस्तेमाल होता है. अब मैत्री इन दुर्गंध मारते कूड़े के फूलों से 7 से 8 प्रकार की सुगंधित चीजे बनाकर ऑनलाइन बेचती हैं. इस काम में उन्हीं के कॉलेज के ही 5 छात्र उनके टीम मेंबर हैं, जो ना सिर्फ सूरत या गुजरात भर में बल्कि देश भर के मंदिर या शादी समारोह में इस्तेमाल होने के बाद फेंके जाने वाले फूलों से सुगंधित चीजों को बनाने का काम करना चाहते हैं.
(सूरत से संजय सिंह राठैर की रिपोर्ट)