Maternal Mortality Ratio: साल 2014-16 के मुकाबले मातृ मृत्यु दर में आई कमी...जानिए कौन से राज्य में सबसे कम है मृत्यु दर

भारत में मातृ मृत्यु दर में 2014-16 के मुकाबले 2018-20 में भारी कमी देखने को मिली है. इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट के जरिए दी.

Maternal Mortality Rate
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

भारत में महिलाओं की प्रजनन के दौरान होने वाली मौत में कमी आई है. भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा जारी एक विशेष बुलेटिन के अनुसार, मातृ मृत्यु दर 2014-16 में 130 प्रति लाख जीवित जन्म से घटकर 2018-20 में 97 प्रति लाख जीवित जन्म हो गई है. आंकड़ों के अनुसार, असम में सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 195 है जबकि केरल में प्रति लाख जीवित जन्मों पर सबसे कम 19 है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस सुधार के लिए मोदी सरकार की अनेक स्वास्थ्य योजनाओं को श्रेय दिया. प्रजनन के दौरान सही से इलाज ना मिलने और अन्य व्यवस्थाओं के चलते प्रजनन आयु-अवधि में कई महिलाएं गर्भावस्था और प्रसव या गर्भपात के दौरान जटिलताओं के कारण मर जाती हैं. किसी क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर उस क्षेत्र की महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य का पैमाना होता है. 2018-20 में भारत में मातृ मृत्यु दर पर जारी विशेष बुलेटिन में कहा गया है कि प्रजनन आयु की कई महिलाएं गर्भावस्था और प्रसव या गर्भपात के दौरान जटिलताओं के कारण मर जाती हैं. 

क्या होता है पैमाना?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, "मातृ मृत्यु एक महिला की गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों की अवधि होती है, चाहे गर्भावस्था की अवधि और स्थान कोई भी हो. यह गर्भावस्था या इसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से होने वाली मौत है, लेकिन दुर्घटना संबंधी कारणों से नहीं."

मंडाविया ने एक ट्वीट में कहा, "2014-16 में मातृ मृत्यु दर 130 से घटकर 2018-2020 में 97 प्रति लाख जीवित जन्मों में महत्वपूर्ण गिरावट आई है. गुणवत्तापूर्ण मातृ और प्रजनन देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जी की सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल पहलों ने एमएमआर को नीचे लाने में जबरदस्त मदद की." भारत में 2018-20 में मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन के अनुसार, असम, जिसमें सबसे अधिक एमएमआर है के बाद मध्य प्रदेश में 173 प्रति लाख जीवित जन्म और उत्तर प्रदेश में 167 एमएमआर है.

कौन सा राज्य कहां?
आंकड़ों से पता चलता है कि केरल, जिसका एमएमआर सबसे कम है, उसके बाद महाराष्ट्र 33 और तेलंगाना 43 है. मातृ मृत्यु दर के प्रमुख संकेतकों में से एक मातृ मृत्यु अनुपात है जिसे एक निश्चित अवधि के दौरान प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर उसी अवधि के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों के लक्ष्य 3.1 का उद्देश्य वैश्विक मातृ मृत्यु दर को प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर 70 से कम करना है.

 

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