दिल्ली एमसीडी (MCD) चुनाव में जनता जनार्दन ने आम आदमी पार्टी की ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी किन्नर पर भरोसा जताया है. बॉबी किन्नर ने सुल्तानपुरी-A वार्ड 43 से जीत दर्ज की है. ऐसा पहली बार था जब आम आदमी पार्टी ने एक ट्रांसजेंडर को उम्मीदवार बनाया था. बुधवार को अब बॉबी किन्नर ने शानदार जीत अपने नाम पर दर्ज की है. बता दें, बॉबी किन्नर ने कांग्रेस उम्मीदवार वरुणा ढाका को 6,714 वोटों से हराया है.
बॉबी ने जीत के बाद कहा, “मेरी जीत जनता को समर्पित है. जिन लोगों ने भी मेरी जीत के लिए मेहनत की उन सभी का धन्यवाद. जनता के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद.”
2017 में भी लड़ चुकी हैं चुनाव
दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है जब बॉबी चुनावी मैदान में उतरी थीं. साल 2017 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर भी बॉबी नगर निगम का चुनाव लड़ चुकी हैं. बॉबी ने बताया था कि वे अन्ना आंदोलन और बाद में पार्टी बनने के समय से आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुईं हैं. बॉबी की जीत के बाद ये पहली बार होगा कि एमसीडी में कोई ट्रांसजेंडर सदस्य होगा.
लैंगिक पहचान को लेकर कर चुकी हैं भेदभाव का सामना
बताते चलें कि पहले से ही बॉबी अपनी लैंगिक पहचान को लेकर खुलकर बात कर चुकी हैं. उन्होंने बताया था कि कैसे उनकी लैंगिक पहचान की वजह से उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा था. बॉबी किन्नर 'हिंदू युवा समाज एकता अवाम आतंकवाद विरोधी समिति' की दिल्ली इकाई की अध्यक्षा हैं. बॉबी पिछले 15 साल से इस संस्था से जुड़ी हई हैं.
इंडिया टुडे को दिए एक पुराने इंटरव्यू में बॉबी किन्नर ने कहा था, “मैं चाहती हूं कि मेरे समाज (ट्रांसजेंडर) के लोग राजनीति में आगे आएं. अब हमारे समाज के लोग राजनीति से दूर होते जा रहे हैं. हमारे समाज में कई पढ़े-लिखे लोग हैं. मैं चाहती हूं कि ऐसे सभी लोग राजनीति में आएं और समाज सेवा करें ताकि समाज में हमारा भी नाम बढ़े.”
राजनीति तक का सफर सामाजिक कार्यों से होकर गुजरा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉबी निजी कारणों से बारहवीं के बाद की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं थी. हालांकि, जब वह छोटी थीं, तब से वह अपने समुदाय के उत्थान के लिए सामाजिक कार्यों में शामिल रही हैं. 14-15 साल की उम्र में बॉबी को ट्रांसजेंडर कम्युनिटी ने अपने पास ले लिया था और फिर वे वेडिंग डांसर बन गई थी. वहां से उनका राजनीति तक का सफर सामाजिक कार्यों से होकर गुजरा.
शुरुआत में, बॉबी ने अपने समुदाय के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन बाद में महसूस किया कि अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करने और समाज में इसे आवाज देने के लिए राजनीति में शामिल होना जरूरी है. जिसके बाद बॉबी का खुद पर विश्वास और दृढ हो गया. आज बॉबी एमसीडी की पहली ट्रांसजेंडर सदस्य बन गईं हैं. बॉबी अपने इलाके में बच्चों के लिए एक प्राइमरी स्कूल भी चलाती हैं.