Meerut Metro: जल्द आसान हो सकता है मेरठ का यातायात.... शुरू हुए मेरठ मेट्रो के ट्रायल, जानिए इसके बारे में

इस ट्रायल रन के दौरान ट्रेनों के ट्रैक और ट्रैक्शन सिस्टम की टेस्टिंग की जाएगी. मेरठ मेट्रो को फिलहाल मैन्युअली चलाया जाएगा. मेरठ साउथ से शुरू करते हुए ट्रेन को अंडरग्राउंड सेक्शन ले जाया जाता है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

मेरठ शहर को मेट्रो की सौगात जल्द ही मिल सकती है. बहुप्रतीक्षित मेरठ मेट्रो (Meerut Metro) का ट्रायल रन शुरू हो गया है. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) की अगुवाई में हो रहे इस ट्रायल में कई ट्रेनें मेरठ साउथ से मेरठ सेंट्र स्टेशन तक अलग-अलग स्पीड पर चलाकर टेस्ट की जाएंगी. इस ट्रायल के जरिए ट्रेन के प्रदर्शन और विभिन्न तकनीकों को परखा जाएगा. 

ट्रैक और ट्रैक्शन सिस्टम की टेस्टिंग
इस ट्रायल रन के दौरान ट्रेनों के ट्रैक और ट्रैक्शन सिस्टम की टेस्टिंग की जाएगी. मेरठ मेट्रो को फिलहाल मैन्युअली चलाया जाएगा. मेरठ साउथ से शुरू करते हुए ट्रेन को अंडरग्राउंड सेक्शन ले जाया जाता है.

इस दौरान ट्रेन की स्पीड धीमी की जाती है. और मेरठ सेंट्रल की ओर बढ़ते हुए ट्रेन की स्पीड बढ़ाई जाती है. इस समय मेट्रो के ट्रायल 40 किमी प्रति घंटा से लेकर 135 किमी प्रति घंटा की टॉप स्पीड तक किए जा रहे हैं. जब तक मेट्रो पूरी तरह शुरू नहीं होती, ये ट्रायल होते रहेंगे.

अंतरराष्ट्रीय मानकों से हो रहा ट्रायल 
यह ट्रायल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जा रहा है. इस ट्रायल में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के टेस्ट होंगे. सैंडबैग के साथ ट्रेन का वजन परीक्षण होगा.

ट्रायल का आकलन करने के लिए ट्रेनें गलियारे के विभिन्न मोड़ और इलाकों में चलती हैं. इसके अलावा, सिग्नलिंग, प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) और ओवरहेड सप्लाई सिस्टम जैसी उप-प्रणालियों के समन्वय की टेस्टिंग के लिए यह ट्रायल हो रहे हैं. 

नमो भारत की पटरी पर चलेगी लोकल मेट्रो
भारत में पहली बार एक स्थानीय मेट्रो नमो भारत ट्रेन इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करेगी. मेरठ मेट्रो कॉरिडोर 23 किलोमीटर तक फैला है. इसमें 18 किलोमीटर का एलिवेटेड सेक्शन और पांच किलोमीटर का अंडरग्राउंड सेक्शन है. इसमें 13 स्टेशन हैं.

एनसीआरटीसी का लक्ष्य इस साल के भीतर स्टेशनों पर सिविल और फिनिशिंग पूरी करके पूरे कॉरिडोर को जनता के लिए चालू करना है.  मेरठ मेट्रो के कुल 12 ट्रेन सेट हैं. प्रत्येक में तीन कोच हैं. इनका निर्माण गुजरात के सावली मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में किया गया है.

इनमें से 10 दुहाई डिपो में आ चुके हैं. डिज़ाइन अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा पर जोर देता है. एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई सीटिंग, लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी चार्जिंग पोर्ट और एयर-कंडीशनिंग के साथ मेट्रो एक आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करती है. 

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