Helmet Man of India: रियलिटी शो से लेकर देश विदेश में छाए नोएडा के हेलमेट मैन... दस साल में 60,000 से ज़्यादा हेलमेट फ्री में बांटे

राघवेंद्र कुमार 'हेलमेट मैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर हैं. वह बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चला रहे लोगों को रोक कर हेलमेट जरूर पहनाते हैं. एक सड़क हादसे में उनके दोस्त की मौत हो गई थी जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया.

Helmet Man
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

नोएडा के राघवेन्द्र अब देश विदेश में भी हेलमेट मैन के नाम से जाने जाते हैं. राघवेंद्र अब जहां भी जाते हैं आप उनके सिर पर ये हेलमेट हमेशा पाएंगे. दरअसल राघवेंद्र लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं कि वो अगर बाइक से जा रहे हैं तो हेलमेट का इस्तेमाल जरूर करें. पिछले 10 साल से राघवेंद्र सड़क पर लोगों को फ्री में हेलमेट बांट रहे हैं. पिछले दस साल में राघवेंद्र 60,000 से ज्यादा हेल्मेट बांट चुके हैं.

दोस्त की मौत के बाद शुरू की मुहीम
राघवेंद्र बताते हैं कि 10 साल पहले उनके एक दोस्त की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. उनका दोस्त बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था. तब से राघवेंद्र ने इस काम को अपना मिशन बना लिया. राघवेंद्र अब तक 22 राज्यों में अपनी मुहिम चला चुके हैं.

वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ नाम
राघवेंद्र बताते हैं कि उनकी इस मुहिम से अब तक लगभग 35 लोगों की जान बच चुकी है. दरअसल राघवेंद्र ने इन लोगों को सड़क पर यूं ही हेलमेट दिया था और फिर उसके बाद वो हादसे का शिकार हुए. लेकिन हेलमेट होने की वजह से उनकी जान बच गई. राघवेंद्र बताते हैं कि हेलमेट बांटने की वजह से उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.

नौकरी छोड़ी, घर बेचा
राघवेंद्र बताते हैं कि अपने इस मुहिम को जारी रखने के लिए उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी. उस वक्त उनकी तनख्वाह साल की 18 लाख रुपये थी. इसके बाद ही उन्होंने अपना घर बेच दिए और फिर ऐसे भी हालात आए कि बीवी के गहने तक बेचने पड़े लेकिन उन्होंने अपनी इस मुहिम को रुकने नहीं दिया. राघवेंद्र बताते हैं कि आज देखकर अच्छा लगता है कि इस मुहिम में पूरा देश उनके साथ खड़ा है.

साउथ में बन रही है मूवी
राघवेंद्र बताते हैं कि 10 साल का सफर आसान नहीं था लेकिन अब उन्हें लोग पहचानने लगे हैं और उनके काम की कदर करने लगे हैं. हाल ही में राघवेंद्र इंडियन आइडल में स्पेशल गेस्ट के तौर पर पहुंचे थे. राघवेंद्र बताते हैं कि उनकी इस मुहिम की सभी ने बहुत तारीफ की है. इतना ही नहीं राघवेंद्र को उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस ने अपना ब्रांड एम्बेंसडर बनाया है. राघवेंद्र के मुताबिक साउथ में उनके काम पर 1 फिल्म भी बन रही है.

बच्चों को हेलमेट पहनाएं 
हेलमेट मैन के मुहिम से लगातार लोग जुड़ रहे हैं. ओम प्रकाश और जयप्रकाश एक फूल की दुकान चलाते हैं. एक साल पहले ये दोनों भाई भी राघवेंद्र की मुहिम से जुड़ गए थे. इन्होंने बकायदा बैनर लगाकर ये कहा है कि अगर कोई भी 4 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को हेलमेट पहनाकर लाता है तो वो उसे बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी पर फ्री में गुलदस्ता देने को तैयार हैं. पिछले 1 साल में ये 800 से ज़्यादा गुलदस्ते फ़्री में दे चुके हैं. 

हिट एंड रन कानून शानदार है 
राघवेंद्र कहते हैं कि मौजूदा हिट एंड रन कानून जिस रूप में सामने आया है वो बेहद शानदार है. वो कहते हैं कि बहुत सारे सड़क हादसों में आज तक पीड़ित परिवार तक मुआवजे की रक़म नहीं पहुंची है. जो लोग कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें एक बार और सोचना चाहिए क्योंकि किसी की जान से बढ़कर और कुछ नहीं है. राघवेंद्र के यह मुहिम लगातार जारी है और इसका मकसद बस एक ही है जिस तरह से उन्होंने अपने दोस्त को खो दिया कोई और परिवार अपने किसी प्रिय को इस तरह से न खोए.

 

Read more!

RECOMMENDED