बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाली पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के सदस्यों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं
फतेहगढ़ साहिब के खमानो में एसडीएम के पद पर तैनात पंजाब सिविल सेवा अधिकारी संजीव कुमार ने 26 वर्षीय एक युवक की जान बचाने के लिए सोमवार को गुरुद्वारा साहिब बिबनगढ़ के पास बाढ़ के पानी में छलांग लगा दी. वह युवक अपनी जान बचाने के लिए एक खंभे पर चढ़ गया था और मदद के लिए चिल्ला रहा था.
हालांकि, उसका बचाव आसान नहीं था क्योंकि बाढ़ का पानी 12 फीट तक बढ़ गया था, लेकिन इस जांबाज अफसर ने अपने कपड़े उतारे और तैरकर इस युवक की जान बचाई. उनका 17 साल का बेटा भी स्विमिंग चैंपियन है.
आपदा में फंसे ट्रैकर्स का किया रेस्क्यू
2019 बैच के हिमाचल कैडर के आईपीएस अधिकारी मयंक चौधरी भी लाहौल और स्पीति के चंद्रताल इलाके में फंसे ट्रैकरों को बचाने के अपने वीरतापूर्ण कार्य के लिए चर्चा में हैं. हिमाचल की डीजीपी सतवंत अटवाल ने कहा, "वह पिछले तीन दिनों और रातों से चंद्रताल में 4 फीट बर्फ में खड़े रहे. सभी को उत्साहित रखा और सभी 266 पर्यटकों की निकासी सुनिश्चित करने के बाद सबसे आखिर में आप निकले. मयंक आप पर गर्व है."
लोगों ने मिलकर बचाई बुजुर्ग महिला की जान
इससे पहले 25 जून को पंचकुला में बाढ़ में फंसी एक बुजुर्ग महिला (61) की जान बचाने में एक महिला समेत 15 स्थानीय लोगों ने अहम भूमिका निभाई थी.
इन लोगों ने उफनती घग्गर नदी में हवन सामग्री प्रवाहित गई महिला की जान बचाने के लिए मानव चेन बनाई. बाद में हरियाणा सरकार ने ममता, विक्रम, किशन, सोनू, सुनील, पप्पू कुमार, छोटे लाल, रशपाल सिंह चौहान, सलीम, महेंद्र, जितेंद्र, संजू, रंजीत, अनिल और बब्लू सहित इन नायकों को सम्मानित करने के लिए प्रशस्ति पत्र के साथ 3,15,000 रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की.
हाल ही में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ के दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस टीमों ने हिमाचल प्रदेश में 1000 से अधिक लोगों और मवेशियों की जान बचाई है. पंजाब पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने अकेले पंजाब में 491 से अधिक लोगों को बचाया.