एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल सड़क हादसे में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है. हादसों की वजह स्पीड ब्रेकर, शार्प कर्व्स, गड्ढे या फिर सड़कों की खराब डिजाइन और अनियंत्रित स्पीड होते हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय का मूव ऐप अब हादसे के ब्लैक स्पाट्स की जानकारी देगा. ऑडियो और विजुअल फॉर्म में ऐप आपको इसकी जानकारी देगा.
63 लाख सड़कों की हुई मैपिंग
ये ऐप मैप माई इंडिया(MapmyIndia) ने बनाया है. मंत्रालय के मुताबिक पूरे देश के सभी ब्लैक सपॉट मैप करने के साथ ही करीब 63 लाख सड़कों की मैपिंग की गई है. इतना ही नहीं अगर राह चलते ऐप पर ट्रैफिक या सड़क से संबंधित शिकायत भी दर्ज की जा सकेगी.
दिल्ली पुलिस का आंकड़ा कहता है कि एनएच-24, मथुरा रोड, महरौली-बदरपुर रोड, नज़फगढ़ रोड, एनएच-8, आउटर रिंग रोड, जीटी करनाल रोड ऐसी सड़कें हैं जो जानलेवा साबित हुई हैं. पिछले साल करीब 400 लोगों की मौत इन्हीं सड़कों पर हुई थी. वहीं जानलेवा ब्लैक स्पॉट मधुबन चौक, आजादपुर चौक, भलस्वा चौक, बुराड़ी चौक, मजनू का टीला, पंजाबी बाग चौक, गाजीपुर बॉर्डर, मुकंदपुर चौक, रजोकरी फ्लाईओवर हैं.
ओवरस्पीड के चलते हुए हादसे
दरअसल, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस हर साल होने वाले हादसे की रिपोर्ट तैयार करती है और ये रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल अकेले आउटर रिंग रोड पर 100 मौतें हुई. राजघाट से लेकर मुकरबा चौक तक का इलाका सड़क घटनाओं के लिहाज़ से ज्यादा खतरनाक है. ट्रैफिक जाम डॉट कॉम के एमडी अनुराग कुलश्रेष्ठ के मुताबिक ज्यादातर रिंग रोड के जानलेवा होने के पीछे गाड़ियों की तय सीमा से ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाना है.
राम किंकर सिंह की रिपोर्ट