बस सपना यही कि मेरा गांव आगे बढ़े...मॉडलिंग और ग्लैमर की दुनिया छोड़ सरपंच के चुनाव के लिए भरा पर्चा

ऐश्रा पटेल का कहना है कि मेरी जिंदगी तो बहुत अच्छी है. मैं कई देश घूम चुकी हूं. दुनिया तो काफी आगे बढ़ गई है लेकिन मेरा गांव आगे नहीं बढ़ सका है. ऐसे में लगा कि गांव के लिए कुछ करना चाहिए. इसी वजह से सरपंच का चुनाव लड़ने का फैसला किया.

घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रही हैं ऐश्रा पटेल
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 15 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST
  • मॉडल ऐश्रा पटेल सरपंच का चुनाव लड़ रही हैं
  • कोरोना काल में की गांव के लोगों की मदद

गुजरात के गांवों में इन दिनों चुनावी माहौल है. गुजरात के 6 हजार गांवों में चुनाव होना है और इसको लेकर चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा है. इस चुनाव में मुंबई की एक मॉडेल ने अपने गांव में सरपंच का चुनाव लड़ने का फैसला करते हुए मैदान में उतरी है. छोटाउद्देपुर के संखेडा तहसील के कावीठा गांव में पहली बार सरपंच पद के लिए जनरल कैटेगरी की महिला सीट मिली है. ऐसे में कवीठा गांव की एक लड़की ऐश्रा पटेल जो मुंबई में मॉडलिंग करती है, सरपंच के चुनाव में हाथ आजमा रही हैं. ऐश्रा पटेल सालों से मुंबई में मॉडलिंग कर रही हैं. 100 से ज्यादा ब्रांड के लिए काम कर चुकी हैं.

कोरोना काल में की लोगों की मदद
चुनाव में सरपंच के लिए पर्चा दायर करने वाली ऐश्रा पटेल का कहना है कि लॉकडाउन में मैंने अपने गांव में वक्त बिताया. यहां कुछ लोगों को कोरोना हुआ था. लोगों के पास न तो पैसे थे और न ही उन्हें कुछ पता चल पा रहा था कि कोरोना क्या होता है. तब मेंने अपनी तरफ से उन्हें जितनी मदद हो सकती थी की.

गांव को आगे बढ़ाना लक्ष्य
ऐश्रा पटेल का कहना है कि मेरी जिंदगी तो बहुत अच्छी है. मैं कई देश घूम चुकी हूं. दुनिया तो काफी आगे बढ़ गई है लेकिन मेरा गांव आगे नहीं बढ़ सका है. ऐसे में लगा कि गांव के लिए कुछ करना चाहिए. इसी वजह से सरपंच का चुनाव लड़ने का फैसला किया. गांव में अभी जो सरपंच हैं वह ठीक काम नहीं कर पा रहे हैं. लोगों के लिए काम करना और गांव का विकास करना प्राथमिकता होगी.

बस चाहत यही कि गांव की तकदीर बदले
ऐश्रा पटेल का कहना है कि मैं चाहती हूं कि यहां गांव में ही बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले. यहां के लोगों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले. यही नहीं जो लोगों को काम नहीं मिलता हे उन्हें मनरेगा में रोजगार मिले. मॉडलिंग छोड़ ऐश्रा अब अपने गांव का विकास करना चाहती हैं और इसी उम्मीद में वो घर घर जाकर चुनाव प्रचार भी कर रही हैं. उसे उम्मीद है कि गांव के लोग उस पर भरोसा जरूर करेंगे.

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