किसानों को बड़ी सौगात, कैबिनेट ने खरीफ की 17 फसलों के लिए MSP बढ़ाने का फैसला किया

मोदी सरकार ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार 17 फसलों की एमएसपी बढ़ाने जा रही है. एमएसपी बढ़ने से किसानों को फसलों की उचित कीमत मिल पाएगी.

किसानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:57 PM IST
  • किसानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला
  • 17 फसलों की एमएसपी बढ़ाने का अनुमोदन

मोदी सरकार ने किसानों गुड न्यूज दी है. सरकार ने 2022-23 के लिए 17 फसलों की एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता मे हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में खरीफ की फसलों की एमएसपी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे किसानों का मनोबल भी बढ़ता है और उनकी फसलों की अच्छी कीमत भी मिलती है. फिलहाल धान की एमएसपी 1940 रुपए प्रति क्विंटल है.

धान की एमएसपी में 100 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. 2021-22 में धान की एमएसपी 1940 रुपए थी. तिल की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है. तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 523 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. जबकि सूरजमुखी की एमएसपी में 385 रुपए का इजाफा किया गया है. इसके अलावा भी कई फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है.

  • कपास के समर्थन मूल्य में 354 रुपए की बढ़ोतरी
  • सोयाबीन के समर्थन मूल्य में 350 रुपए का इजाफा
  • उड़द, मूंगफली, अरहर की एमएसपी में 300 रुपए की बढ़ोतरी
  • मक्का की एमएसपी में 92 रुपए की बढ़ोतरी
  • ज्वार की एमएसपी में 232 रुपए का इजाफा

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पिछले 8 सालों में किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई फैसले किए हैं. बीज के बाजार को ध्यान में रखकर फैसले हुए हैं, जिससे फायदा हुआ है.
सरकार का कहना है कि किसान सम्मान निधि के तहत 2 लाख करोड़ किसानों के खाते में जा चुके हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा कि फर्टिलाइजर पर सरकार ने 2 लाख 10 हजार करोड़ की सब्सिडी दी है.


 
क्या है एमएसपी-
एसएसपी जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है. ये एक तरह से किसानों के फसल की मूल्य की गारंटी है. सरकार कुछ फसलों पर दाम की गारंटी देती है, जिसे मिनिमम सपोर्ट प्राइस कहा जाता है. इसका मतलब ये हुआ कि बाजार में फसल की कीमत कुछ भी हो. सरकार एक तय कीमत पर किसानों से फसल खरीदेगी.

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