अक्सर लोगों के दिमाग में कैदियों के लिए जो छवि तैयार होती है, उसमें जेल में बंद कैदी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होता है. लेकिन आपको बता दें कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने हाल ही में प्रिजन स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कुछ रोचक आंकड़े सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार यूपी की जेल में सबसे ज्यादा ग्रेजुएट कैदी बंद हैं.
यूपी में हैं सबसे ज्यादा ग्रेजुएट मुजरिम
यूपी में सबसे ज्यादा कुल 1,866 ग्रेजुएट कैदी बंद हैं. यूपी के बाद सबसे ज्यादा ग्रेजुएट मुजरिम मध्य प्रदेश की जेलों में कैद हैं. वो कैदी जिन पर आरोप सिद्ध हो चुके हैं, उनका कुल आंकड़ा 982 है. पूरे देश से अगर तुलना की जाए तो ये आंकड़ा 13.59 प्रतिशत है. मध्य प्रदेश के बाद बिहार में ग्रेजुएट मुजरिमों की संख्या 677 है. वहीं महाराष्ट्र में 397 मुजरिम और राजस्थान में 451 मुजरिम ग्रेजुएट हैं. देश में कुल 7, 225 ग्रेजुएट मुजरिम अलग-अलग जेलों में बंद हैं.
क्या कहता है साक्षरता का आंकड़ा?
बता दें कि साल 2020 के अंत तक देशभर में कुल 4,88,511 आरोपी और विचाराधीन कैदियों में से 2,00,496 कैदी यानी की 41 प्रतिशत कैदी दसवीं पास भी नहीं हैं. वहीं 1,10,460 कैदी यानी की 22.6 प्रतिशत कैदी ऐसे हैं जो 10वीं या 12वीं पास हैं. 6.4 प्रतिशत कैदी यानी की 31,204 कैदी ग्रेजुएट हैं. वहीं केवल 1.7 प्रतिशत यानी 8,430 कैदियों के पास पीजी डिग्री है, और केवल 1.3 प्रतिशत यानी 6,286 कैदियों के पास तकनीकी डिग्री या डिप्लोमा धारक हैं. वहीं निरक्षरता का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है. भारत की जेलों में कुल 1,31,635 कैदी यानी की 26.9 प्रतिशत कैदी निरक्षर है.
जेलों में बाहरी और स्थानीय कैदियों का आंकड़ा
राज्य | स्थानीय | अन्य राज्य | विदेशी |
यूपी | 26,122 | 485 | 127 |
एमपी | 12,764 | 877 | 11 |
बिहार | 7,605 | 125 | 11 |
महाराष्ट्र | 4,868 | 614 | 68 |
राजस्थान | 4,666 | 444 | 21 |