Mumbai में बन रहे कोस्टल रोड का आखिरी चरण शुरू, दूसरी सुरंग का कार्य पूरा, इस साल के अंत तक यात्री कर सकेंगे आवागमन, समय और ईंधन दोनों की होगी बचत

BMC की ओर से शुरू की गई मुंबई तटीय सड़क परियोजना सबसे प्रतिष्ठित परियोजनाओं में से एक है. यह परियोजना नवंबर 2023 तक पूरी होने वाली है. इसके बाद इस तटीय सड़क से लोग आवागमन कर सकेंगे.  

तटीय सड़क परियोजना के तहत बनाई जा रही सुरंग
पारस दामा
  • मुंबई,
  • 30 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST
  • तटीय सड़क परियोजना का 75 प्रतिशत कार्य हो चुका है पूरा 
  • बीएमसी की है यह सबसे प्रतिष्ठित परियोजना

मुंबई में बन रहे कोस्टल रोड का आखिरी चरण शुरू हो गया है. मरीन ड्राइव से प्रियदर्शनी तक कुल दो सुरंगें बननी हैं. एक आने के लिए और दूसरी जाने के लिए. प्रियदर्शनी से मरीन ड्राइव तक की सुरंग पहले बन चुकी है. दूसरी सुरंग मरीन ड्राइव से  प्रियदर्शनी तक के खोदने का कार्य मंगलवार को पूरा हो गया. इस अवसर पर  मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री प्रियदर्शनी पार्क पर उपस्थित रहे. कोस्टल रोड के बन जाने के बाद लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी. समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.

सबसे प्रतिष्ठित परियोजनाओं में से एक
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से शुरू की गई मुंबई तटीय सड़क परियोजना सबसे प्रतिष्ठित परियोजनाओं में से एक है. बीएमसी की ओर से शुरू की गई यह तटीय सड़क परियोजना प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा वर्ली सी लिंक के वर्ली छोर तक कवर करती है. इसके तहत सड़क, पुल से लेकर सुरंग तक बनाई जा रही हैं. समुद्र और पहाड़ी के नीचे सुरंग बनना बहुत जटिल कार्य है.

ध्वनि और वायु प्रदूषण भी होगा कम
यह परियोजना नवंबर, 2023 तक पूरी होने वाली है. इसके बाद तटीय सड़क से आने-जाने में लगने वाले समय में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आएगी. ईंधन की बचत भी होगी. इस टर्नल से ध्वनि और वायु प्रदूषण भी कम होगा. इसके साथ बस लेन मौजूदा सड़कों पर यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगी. 

तटीय सड़क परियोजना की मुख्य विशेषताएं
1. इस सड़क की लंबाई 10.58 किमी है. जुड़वां सुरंग में से प्रत्येक की लंबाई 2.070 किमी है. 12.19 मीटर बाहरी व्यास और 11 मीटर अंतिम व्यास है. 
2. भूमिगत कार पार्किंग चार स्थानों पर है. कुल सुधार क्षेत्र 111 हेक्टेयर है. खुली/हरी जगह 70 हेक्टेयर है. इंटरचेंज तीन है. इंटरचेंज आर्म की लंबाई 15.66 किमी है. समुद्री दीवार/सैरगाह 7.47 किमी में है.
3. आकस्मिकताओं और अन्य प्रशासनिक लागतों सहित कुल परियोजना लागत 12,721 करोड़ रुपए है. सिर्फ निर्माण लागत 8,429 करोड़ रुपए है.
4. निर्माण 13 अक्टूबर 2018 को शुरू हुआ था. पहली टनल का काम 11 जनवरी 2021 को शुरू हुआ और 10 जनवरी 2022 को ब्रेक थ्रू हासिल किया गया.
5. दूसरी टनल का काम 26 अप्रैल 2022 को शुरू हुआ और 30 मई 2023 को ब्रेक थ्रू हासिल किया गया.

कार्य की भौतिक प्रगति
1. कुल 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है.
2. सुरंग का कार्य 100 प्रतिशत पूरा.
3. रिक्लेमेशन 95 प्रतिशत.
4. समुद्री दीवार का कार्य 84 प्रतिशत पूरा.
5. इंटरचेंज का कार्य 56 प्रतिशत.
6. ब्रिज का कार्य 59 प्रतिशत


 

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