Nagaland first Woman MLA: पूर्वोत्तर के राज्य नगालैंड को 60 साल बाद उसकी पहली महिला विधायक मिल गई हैं. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) की हेकानी जखालू नगालैंड विधानसभा के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बन गई हैं. बता दें, नगालैंड में 2023 विधानसभा चुनाव में इस बार कुल चार महिलाओं ने अपना नामांकन भरा था जिसमें से हेकानी जखालू ने जीत दर्ज की है. 1963 में नगालैंड को राज्य का दर्जा मिलने के बाद से राज्य विधानसभा में किसी भी महिला प्रतिनिधि को नहीं देखा गया है. इस साल ऐसा पहली बार है जब राज्य को महिला एमएलए मिली हैं.
विधानसभा का सफर रहा है काफी लंबा
हालांकि राज्य में अब तक 13 राज्य विधानसभाएं हो चुकी हैं, लेकिन आज तक एक भी महिला विधायक के रूप में नहीं चुनी गई तीन. गुरुवार दोपहर चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर विजेता घोषित कर दिए हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के अज़ेतो झिमोमी को हराकर हेकानी जखालू को 31,874 वोट में से 45.16 प्रतिशत वोट मिले हैं. बता दें, 48 साल की जखालू के लिए विधानसभा तक का सफर काफी लंबा रहा है.
हेकानी जखालू को मिल चुका है नारी शक्ति पुरस्कार
हेकानी जखालू, एक सोशल एक्टिविस्ट हैं, जो बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और महिला अधिकारों के लिए लड़ाई करने के रूप में जानी जाती हैं. हेकानी को 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. बताते चलें पूर्वोत्तर की महिलाओं में वे अकेली हैं जिसे नारी शक्ति पुरस्कार ने नवाजा जा चुका है. ये दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और डीयू की लॉ फैकल्टी से एलएलबी कर चुकी हैं. साथ ही अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी से एलएलएम कर चुकी हैं.
अब तक दिला चुकी हैं कई लाख युवाओं को नौकरी
बता दें, हेकानी जखालू एक गैर-सरकारी संगठन यूथनेट की संस्थापक और एक वकील हैं. वह पिछले 17 साल से अपने एनजीओ के माध्यम से स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं. हेकानी जखालू के मुताबिक, वह राज्य के भीतर और बाहर अलग-अलग क्षेत्रों में कौशल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर अब तक 1.2 लाख युवाओं को नौकरी दिलाने में मदद कर पाई हैं.
युवाओं और महिला हकों के लिए करूंगी काम
मीडिया से बात करते हुए हेकानी जखालू ने कहा, “17 साल से, मैं एनजीओ क्षेत्र के भीतर युवाओं के लिए काम कर रही हूं, लेकिन उसमें ज्यादा काम नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि मैं नीति निर्माण में शामिल होना चाहती थी और राज्य में सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय में प्रवेश करना चाहती थी. राज्य में और मेरे निर्वाचन क्षेत्र में, मेरा ध्यान युवा लोगों पर होगा, उन्हें बनाने और उनका पोषण करने पर. और हां, एक महिला विधायक के तौर पर मैं महिलाओं के हकों के लिए भी लड़ूंगी.”