Haldwani Women Safety: अब मनचलों की खैर नहीं! हलद्वानी को सुरक्षित बनाने के लिए हरकत में आया प्रशासन, 5000 स्कूली छात्राओं से लिए सुझाव.... जानिए क्या-क्या लिया गया एक्शन

सितंबर के पहले हफ्ते में नैनीताल जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने पांच महिला अधिकारियों की टीम का गठन किया. इस टीम का काम था पूरे हलद्वानी में स्कूली छात्राओं के साथ वर्कशॉप करना और उनसे शहर की असुरक्षित जगहों के बारे में पूछना. इनपुट मिलने के बाद प्रशासन ने क्या-क्या एक्शन लिया, पढ़िए.

हलद्वानी में जन सुरक्षा प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई है.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST
  • हलद्वानी में 5000 लड़कियों के साथ किया प्रशासन का वर्कशॉप
  • वर्कशॉप के आधार पर लिया गया एक्शन

नैनिताल जिला प्रशासन ने हलद्वानी (Haldwani) शहर में जन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. जिला प्रशासन स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए एक नया प्रयोग कर रहा है. प्रशासन ने 41 स्कूलों की 5000 से ज्यादा लड़कियों से बातचीत कर शहर की 480 'असुरक्षित' जगहों का पता लगाया है. इन जगहों से लगातार मनचलों को गिरफ्तार कर हलद्वानी को सुरक्षित बनाने की कोशिश हो रही है.

कैसे की गई तैयारी?
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि सितंबर के पहले हफ्ते में नैनीताल जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने पांच महिला अधिकारियों की टीम का गठन किया. इस टीम ने हलद्वानी की लड़कियों के साथ जेंडर सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप आयोजित की. नोडल अफसर ऋचा सिंह की अगुवाई में की गई इस वर्कशॉप में स्कूल जाने वाली लड़कियों से पूछा गया कि वे किन इलाकों में सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं.

एक्सप्रेस की रिपोर्ट सिंह के हवाले से कहती है, "एक औरत होने के नाते मैं समझ सकती हूं कि जब लड़कियां बाहर जाती हैं तो परिजनों को कई तरह की चिंताएं रहती हैं. इससे बच्चे की पढ़ाई और करियर पर असर पड़ता है. इसलिए हमने सोचा कि महिला अधिकारियों की एक टीम बनाएं जो लड़कियों से सीधी तरह बात करे. और उनसे पूछे कि वे कहां असुरक्षित महसूस करती हैं ताकि उस जगह को सुरक्षित बनाया जा सके." 

अधिकारियों के अनुसार, लड़कियों ने ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर, शॉपिंग मॉल में, यहां तक कि उनके स्कूलों के बाहर छेड़खानी की घटनाएं होने की बात कही. 

वारदातें सुन एक्शन में आई पुलिस
पुलिस ने कई वर्कशॉप आयोजित करने के बाद 89 जगहों को असुरक्षित माना. इनमें ऑटो स्टैंड, पार्क और कई खाली प्लॉट भी शामिल थे. इसका मुख्य कारण था कि ये जगहें सुनसान रहती थीं. साथ ही यहां पर्याप्त स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी हुई थीं जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते थे.
इसके बाद जिला प्रशासन ने लड़कियों के बयानों के आधार पर कई जगह छापे मारे.

सड़क किनारे ढाबों में बैठकर शराब पीने वालों को गिरफ्तार किया गया. इसी तरह स्कूल, कोचिंग, खाली प्लॉट और गली-मोहल्लों के बाहर बेवजह खड़े होने वाले लोगों के खिलाफ भी एक्शन लिया गया. इसके अलावा पुलिस ने 28 ऐसे प्लॉट मालिकों का चालान काटा है जिनकी जमीनें 'उपद्रव' के लिए इस्तेमाल हो रही थीं. 

एक्सप्रेस ने सिटी मजिस्ट्रेट ए पी बाजपाई के हवाले से बताया है कि प्रशासन ने इन प्लॉट मालिकों को अपनी जमीन के चारों ओर घेराबंदी करने के लिए कहा गया है. साथ ही प्रशासन ने यह भी आदेश दिए हैं कि पुलिस अब यहां नियमित तौर पर पैट्रोलिंग करेगी.

और क्या-क्या हुए बदलाव?
जिला प्रशासन सभी रिक्शा और ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन कर रहा है. फेरिवालों का भी वेरिफिकेशन किया जा रहा है. दिसंबर से सभी ऑटो चालकों के लिए खाकी पैंट-शर्ट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. सभी को आईडी कार्ड भी बांटे जा रहे हैं. प्रशासन ने स्कूलों में लड़कों के लिए 'यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण' (POCSO) संबंधी जागरूकता कार्यक्रम चलाने की भी सलाह दी है.

छात्राओं की शिकायत के आधार पर हलद्वानी नगर निगम ने 106 जगहों स्ट्रीट लाइट्स लगाई हैं. कई और जगहों पर यह काम किया जा रहा है. रात में आवारागर्दी करने वालों पर भी नकेल कसी गई है. जो युवा ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं, उन्हें परामर्श के लिए काउंसलिंग में बैठाया जाता है. प्रशासन का कहना है कि आने वाले दिनों में इन कोशिशों को और सख्त किया जाएगा. 

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