नालंदा की यातायात पुलिस बॉडी वॉर्न कैमरा और स्पीड गन से हुई लैस, जिले में पहली बार पुलिस की वर्दी में ही लगा सीसीटीवी कैमरा

बॉडी वार्न कैमरों में ट्रैफिक पुलिस कर्मी और वाहन चालक की हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग हो सकेगी. ये कैमरे मिलने से यातायात पुलिसकर्मियों को सहायता मिलेगी. वहीं यातायात अधिकारियों को अपने जवानों पर पैनी नजर रखने में काफी सहूलियत होगी. 

नालंदा की ट्रैफिक पुलिस
gnttv.com
  • नालंदा ,
  • 27 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST
  • जिले में पहली बार पुलिस की वर्दी में ही लगा सीसीटीवी कैमरा.
  • बॉडी वार्न कैमरों से ट्रैफिक पुलिस और वाहन चालक की हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग हो सकेगी.

बिहार के शहर नालंदा की यातायात पुलिस बॉडी वॉर्न कैमरा व स्पीड गन से लैस हो गयी है. स्मार्ट सिटी बिहार की यातायात व्यवस्था में परिवर्तन का दौर जारी है. एक पखवारे पहले लाइट एंड सेंसर सिस्टम वाली व्यवस्था लागू की गयी थी. अब यातायात पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा व स्पीड रडार गन से लैस कर दिया गया. जिले में यह पहला मौका है, जब पुलिस की वर्दी में ही सीसीटीवी कैमरा मौजूद रहेगा.  इसके कारण यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले जुर्माना से नहीं बच पाएंगे.  

बॉडी पर कैमरा होने से ड्यूटी पर तैनात जवान द्वारा चालान काटने के दौरान होने वाले ‘लेन-देन’ पर ब्रेक लगेगा. वहीं, स्पीड रडार गन के माध्यम से वाहनों की गति 500 मीटर दूर से मापी जा सकेगी. ज्यादा स्पीड वाले चालकों का चालान काटा जाएगा. नई व्यवस्था के तहत जिले को दो बॉडी वॉर्न कैमरे व एक स्पीड रडार गन दिया गया है. कैमरे के जरिए वाहन चालकों पर नजर रखी जाने लगी है. बॉडी वार्न कैमरों में ट्रैफिक पुलिस कर्मी और वाहन चालक की हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग हो सकेगी. ये कैमरे मिलने से यातायात पुलिसकर्मियों को सहायता मिलेगी. वहीं यातायात अधिकारियों को अपने जवानों पर पैनी नजर रखने में काफी सहूलियत होगी. किसी ने अभद्रता की तो पूरी फुटेज कैमरे में कैद हो जाएगी. इसके आधार पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करेगी.

सभी चौराहों और वहां तैनात जवानों पर नजर रखी जा सकेगी 

 फिलहाल कैमरे में 64 जीबी स्टोरेज दिया गया है. बाद में इसे कंट्रोल रूम अर्थात इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से जोड़ दिया जाएगा. तब, कार्यालय में बैठे-बैठे अधिकारी सभी चौक-चौराहों और वहां तैनात जवानों पर नजर रख सकेंगे. कैमरा लगाने का मकसद अनुशासन के साथ भ्रष्टाचार से मुक्त पुलिस बनाना है. यातायात डीएसपी अरुण कुमार ने बताया कि थाने में  एक थानाध्यक्ष, 25 जिला बल के अलावा होमगार्ड के 20 जवान तैनात हैं. पहली खेप में जिले के दो जवानों को बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस किया गया है. अगले चरण में अन्य कर्मियों को भी इन उपकरणों से लैस करने की योजना है. 

क्या है बॉडी वार्न कैमरा?

यह कैमरा पुलिसकर्मी की शर्ट पर कंधे के पास लगाया जाता है.  इस कैमरे के जरिए पुलिसकर्मी और नागरिकों के बीच होने वाली सभी बातचीत और वीडियो रिकॉर्डिंग होती है. जीपीएस (ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम) और जीपीआरएस (जनरल पॉकेट रेडियो सर्विस) लगा होने के कारण कैमरे कंट्रोल रूम से जुड़ जाते हैं. कैमरे की कीमत लगभग 25 हजार रुपये बताई जा रही है. खासियत यह कि वीडियो रिकॉर्डिंग को आसानी से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा. 

स्पीड गन-

स्पीड रडार गन दिन हो या रात, एक ही क्षमता से काम करेगी.  एक घंटे में इस गन से 350 से ज्यादा वाहनों की गति मापी जा सकेगी. चिप युक्त इस गन में एक प्रिंटर लगा है, जो स्पीड लिमिट तोड़ने के समय के साथ गाड़ी का नंबर प्लेट के साथ फोटो का भी प्रिंट आउट निकाल देगा.  

(रंजीत कुमार सिंह की रिपोर्ट) 

 


 

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