National Herald Case: 5 पॉइंट्स में जानें आखिर क्या था नेशनल हेराल्ड केस, जिसके चलते ईडी ने किया है सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन जारी

National Herald Case Update: नेशनल हेराल्ड (National Herald) मामले में ED ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बुधवार को समन जारी किया है. ईड़ी ने राहुल गांधी को 2 जून और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है. जानें इससे जुड़ी 5 जरूरी बातें.

National Herald Case
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST
  • राहुल गांधी को 2 जून और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है
  • सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में किया था केस दर्ज

Herald Case Update: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड (National Herald) मामले में कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन जारी किया है. ईड़ी ने राहुल गांधी को 2 जून और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है.  बता दें, इनपर पैसों की हेराफेरी करने का आरोप है. हालांकि, ये मामला अभी का ही नहीं है. ये कई साल से चल रहा है. इस नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार पर कई गंभीर आरोप हैं. 

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने एसोसिएटेड जर्नल्स की 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान करके हेराफेरी करने का आरोप है.

1: यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) और एसोसिएटेड जर्नल्स (AJL)

साल 2010 में यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) की स्थापना हुई थी. राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने मिलकर कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी अपने नाम की थी. और बची हुई 24% की हिस्सेदारी कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास समान रूप से थी. YIL का रजिस्टर्ड ऑफिस आईटीओ, नई दिल्ली में हेराल्ड हाउस में था. एसोसिएटेड जर्नल्स (AJL) नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशक था. बता दें, एजेएल की स्थापना 1937 में हुई थी. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 5,000 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ फर्म की शुरुआत अपने शेयरधारकों के रूप में की थी.

2: कांग्रेस की इसमें क्या भूमिका है?

दरअसल, नेशनल हेराल्ड अखबार घाटे में चल रहा था बस यहीं से कांग्रेस की तस्वीर सामने आती है. कांग्रेस ने AJL को 90 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त लोन देने का फैसला किया. हालांकि, इस कोशिश के बाद भी अख़बार अपने पैरों पर फिर से खड़ा नहीं हो पाया. 

3. घोटाला क्या है?

चूंकि एजेएल 90 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त लोन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी सारी हिस्सेदारी यंग इंडिया लिमिटेड को दे दी, जो गांधी परिवार की थी. इसके लिए वाईआईएल ने केवल रु. 50 लाख रुपये ही दिए. बस, पूरा भुगतान न करने की वजह से ही गांधी परिवार का नाम इसमें आया. गांधी परिवार के खिलाफ ये मामला है कि उन्होंने केवल 50 लाख रुपये का ही भुगतान किया है. जबकि एजेएल 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाली कंपनी है. उन्होंने केवल इतने ही रुपये में इस कंपनी को अपने अधीन कर लिया.    

4. सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में किया था केस दर्ज 

साल 2012 में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी परिवार के कथित धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया. सुब्रमण्यम स्वामी ने यह आरोप ही लगाया कि कांग्रेस ने एजेएल को जो लोन दिया वह अवैध था क्योंकि राजनीतिक दलों को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पैसे उधार देने की अनुमति नहीं है.

5: 2012 के बाद क्या हुआ?

2014 में, मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को ये कहते हुए समन जारी किया कि सबूत उनके खिलाफ हैं. जिसके बाद अगस्त 2014 में, ईडी ने अपनी छानबीन शुरू की. उन्होंने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की कि क्या इसमें कोई मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है या नहीं?

इतना ही नहीं, सितंबर 2015, ईडी ने फिर से जांच शुरू की. जिसके बाद दिसंबर 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को जमानत दी. हालांकि, जब कार्यवाही को रद्द करने के लिए अपील की गई तो फरवरी 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ईडी एक बार फिर से एक्शन में आई और मई 2019 में ईडी ने नेशनल हेराल्ड की 16.38 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. 

बता दें , मई 2022 में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था. 

 

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