National Herald Case: क्या सोनिया-राहुल को अदालत में पेश होना पड़ेगा? 25 अप्रैल की 'Cognisance Hearing' पर टिकी हैं सबकी निगाहें, क्या होती है ये?

अगर अदालत Cognisance लेती है तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया जाएगा. उन्हें अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा. यह केस ट्रायल स्टेज में प्रवेश करेगा, जिसमें सबूतों, गवाहों और जिरह का सिलसिला चलेगा.

National Herald money laundering case
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

दिल्ली की सियासी गर्मी अब अदालतों की दीवारों से भी महसूस की जा रही है. एक बार फिर से नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामला सुर्खियों में है. 25 अप्रैल 2025 को दिल्ली की एक विशेष अदालत में इस केस की ‘Cognisance Hearing’ होनी है. यह सुनवाई महज एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है- यह वह मोड़ है जहां अदालत तय करेगी कि क्या सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए या नहीं.
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कोर्ट इस चार्जशीट पर संज्ञान लेगी? क्या सोनिया और राहुल को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होना पड़ेगा? अगर हां, तो आगे की प्रक्रिया क्या होगी?

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
यह मामला साल 2014 में उस समय शुरू हुआ, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाया कि उन्होंने AJL (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) की करोड़ों की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई.

सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि एक नई कंपनी ‘Young Indian Pvt Ltd.’ बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल के पास 76% शेयर थे. इस कंपनी ने महज ₹50 लाख में AJL की ₹2000 करोड़ की संपत्तियां अपने कब्जे में ले लीं. यह, उनके अनुसार, एक मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी का मामला है.
यह आरोप अब सिर्फ राजनीतिक बहस का विषय नहीं रहा. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस केस में विस्तार से जांच की, कई घंटों की पूछताछ की और अंत में एक विस्तृत प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) अदालत में दाखिल की है.

Cognisance Hearing क्या होती है?
भारत के आपराधिक न्याय तंत्र में, जब जांच एजेंसियां चार्जशीट दाखिल करती हैं, तो अदालत सबसे पहले यह तय करती है कि क्या आरोपों में प्रथम दृष्टया (prima facie) दम है या नहीं. इस प्रक्रिया को ही ‘Cognisance’ लेना कहा जाता है.

आसान भाषा में समझें, तो Cognisance का मतलब होता है “आरोपों को संज्ञान में लेना”. अगर कोर्ट को लगता है कि अपराध हुआ है, और केस सुनवाई के लायक है, तो वह चार्जशीट को स्वीकार कर लेती है. इसके बाद कोर्ट समन जारी करता है और आरोपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा जाता है.

यह कोई सामान्य सुनवाई नहीं होती है- यह केस की दिशा और गति तय करने वाली बेसलाइन प्रक्रिया है.

25 अप्रैल को क्या हो सकता है?
अगर अदालत Cognisance लेती है तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया जाएगा. उन्हें अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा. यह केस ट्रायल स्टेज में प्रवेश करेगा, जिसमें सबूतों, गवाहों और जिरह का सिलसिला चलेगा.

वहीं, अगर अदालत Cognisance नहीं लेती है इसका मतलब होगा कि चार्जशीट में अपर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट केस को खारिज कर सकती है या आगे जांच के निर्देश दे सकती है. इससे कांग्रेस को एक बड़ी राहत मिल सकती है.

कांग्रेस का रुख
बता दें, कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले को एक ‘राजनीतिक हथकंडा’ बता रही है. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हाल ही में कहा, “यह जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है. हर चुनाव से पहले हमारे नेताओं को परेशान करना भाजपा की रणनीति बन चुकी है.”

पार्टी का दावा है कि न तो कोई मनी लॉन्ड्रिंग हुई और न ही किसी कानून का उल्लंघन. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि Young Indian एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है और उसने AJL की संपत्तियों का कोई व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं किया.

कानून क्या कहता है?
इस मामले में PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत कार्रवाई हो रही है. PMLA के तहत अगर किसी संपत्ति का स्रोत आपराधिक है और उसे छुपाने या सफेद बनाने की कोशिश होती है, तो वह मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है. इस केस में ED का दावा है कि AJL की संपत्तियों को Young Indian के जरिए गैरकानूनी रूप से नियंत्रित किया गया.

अगर 25 अप्रैल को अदालत संज्ञान लेती है और समन जारी होता है, तब भी आरोपी पक्ष विवेकाधीन राहत (discretionary relief) की मांग कर सकता है. कोर्ट में पेश होने के लिए स्थगन याचिका (adjournment) या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की मांग की जा सकती है, जैसा पहले राहुल गांधी ने कई मामलों में किया है.

हालांकि, अदालत का मिजाज और केस की संवेदनशीलता देखते हुए, व्यक्तिगत पेशी की संभावना काफी प्रबल मानी जा रही है.

 

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