नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा, जानिए कैसे उनकी पिटाई से एक बुजुर्ग की हुई थी मौत

रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से नवजोत सिंह सिद्धू को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पुराना आदेश बदलकर नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल कैद की सजा सुनाई है. ये मामला साल 1988 का है. इसमें पिटाई के बाद एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी. पहले सिद्धू को 1000 रुपये जुर्माने की सजा मिली थी. IPC की धारा 323 के तहत सिद्धू पर 33 साल पहले केस दर्ज हुआ था. इसमें अधिकतम एक साल की सजा ही हो सकती है.

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST
  • नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बुजुर्ग से की थी मारपीट
  • अस्पताल में बुजुर्ग की हुई थी मौत
  • हाईकोर्ट ने सुनाई थी 3 साल की सजा

रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है. 34 साल पुराने में सिद्धू को सजा सुनाई गई है. इस मामले में हाईकोर्ट ने साल 2006 में सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी और एक हजार रुपए को जुर्माना लगाया था. पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला बदलकर सजा एक साल की कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट में पहले क्या हुआ था-
15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक हजार रुपए जुर्माने के साथ छोड़ दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसे 30 साल पुराना मामला बताया था और एक हजार जुर्माने पर छोड़ दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि आरोपी और पीड़ित के बीच कोई पिछली दुश्मनी नहीं थी. आरोपी ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया था. हालांकि 12 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फिर से परीक्षण करने का फैसला किया. कोर्ट ने कहा था कि वो तय करेगा कि सिद्धू को जेल की सजा हो या नहीं. 25 मार्च 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है. 

उस वक्त स्टार क्र‍िकेटर थे सिद्धू-
जिस वक्त ये घटना हुई थी, उस वक्त नवजोत सिंह सिद्धू 25 साल के थे और भारत के स्टार क्र‍िकेटर हुआ करते थे. साल 1988 में पटियाला में सिद्धू का एक 65 साल के बुजुर्ग से विवाद हुआ था. पुलिस का आरोप था कि इस दौरान सिद्धू की बुजुर्ग से मारपीट की थी. इसके बाद बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

क्या था पूरा मामला-
ये घटना साल 27 दिसंबर 1988 की है. जब पटियाला में पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ था. आरोप है कि जब पीड़ित और दो दूसरे लोग बैंक से पैसा निकालने के लिए जा रहे थे. इसी दौरान सिद्धू से उन लोगों ने सड़क से जिप्सी हटाने को कहा. इस दौरान दोनों में कहासुनी होने लगी. इस दौरान सिद्धू ने 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से मारपीट करने लगे. इस मारपीट में बुजुर्ग को चोट लगी और सिद्धू मौके से फरार हो गए. बाद में इलाज के दौरान पीड़ित बुजुर्ग की अस्पताल में मौत हो गई. इस मामले में गठित डॉक्टरों के बोर्ड ने मौत का कारम सिर में चोट और कार्डियक कंडीशंस बताया था.

इस मामले में सिद्धू और और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ था. साल 1999 में सेशन कोर्ट ने सिद्धू को राहत दी थी और केस को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ पक्के सबूत नहीं हैं. सिर्फ शक के आधार पर केस नहीं चलाया जा सकता. लेकिन साल 2006 में राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाण हाईकोर्ट में अपील की. 1 दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट ने सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी पाया था और तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. इस सजा के खिलाफ सिद्धू और उनके दोस्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. 

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED