शरदीय नवरात्रि पर्व शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं. नवरात्रि पर्व देश में खासकर कि उत्तर भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि में लोग अपने स्थानीय डांस जैसे गरबा करते हैं. और गरबा हो या रास एक चीज के बिना अधूरा माना जाता है.
और वह चीज है डांडिया. आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे गांव के बारे में जहां एक से बढ़कर एक डांडिया बनते हैं और देश-विदेश तक जाते हैं.
सागवान की लकड़ी से बनाते हैं डांडिया
डांडिया सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि गुजरात के बाहर और देश-विदेश में भी फेमस हैं. गुजरात के छोटाउदयपुर जिले का संखेड़ा गांव बहुत छोटा है लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में लोग डांडिया बनाते हैं. डांडिया को तरासने लेकर कलर तक, सब काम ये लोग करते हैं. संखेड़ा गांव में खराडी समाज के लोग यह काम करते हैं.
इस गांव में 150 खराड़ी समाज के परिवार हैं. ये लोग सागवान की लकड़ी से डांडिया बनाते हैं. और डांडिया पर इनकी कलर कारीगरी काफी फेमस है. जिसकी वजह से यहां पर बनने वाले डांडिया गुजरात ही नहीं लेकिन दूसरे राज्यों और विदेश में भी भेजे जाते हैं.
400 साल से बन रहे हैं डांडिया
खराडी समाज के लोग अपने पुरखों की परंपरा निभाते हुए डांडिया बना रहे हैं. करीबन 400 सालो से संखेड़ा गांव में डांडिया बनाते हैं. इनके डांडिया खरीदने लोग दूर-दूर से आते हैं. खराडी समाज आज भी अपनी सालों पुरानी कला को जीवंत इस रखे हुए हैं.
खराडी लोग ईमानदारी से काम करते है और इसलिए अपनी परंपरा जिंदा रखे हुए हैं. उनका बनाया फर्नीचर भी दुनियाभर में मशहूर है. प्रधानमंत्री मोदी के बुलावे पर चाइना के सी जिनपिंग जब गुजरात आये थे तो उन्हें यहीं पर बने झूले पर बिठाया गया था. और अब दो साल बाद नवरात्रि पूरे जोर-शोर से मन रही है और इसलिए गांव में सभी को अच्छे-खासे ऑर्डर मिल रहे हैं.
(नरेंद्र पेपरवाला की रिपोर्ट)