उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सूबे की योगी सरकार पर लगातार विपक्ष हमलावर रहा है, लेकिन इस बीच नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के आए आंकड़ों ने राज्य की बीजेपी सरकार को बड़ी राहत दी है. ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य में 2021 में सांप्रदायिक हिंसा का सिर्फ एक मामला सामने आया, जबकि झारखंड में 100 मामले, महाराष्ट्र में 77 और राजस्थान में 22 मामले सामने आए.
गंभीर अपराधों में गिरावट जारी
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में गिरावट जारी है, जिसमें उत्तर प्रदेश 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 2845 मामलों के साथ बलात्कार के मामले में 23वें और हत्या में 24वें स्थान पर है. इसके अलावा, देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद, 16,838 मामलों के साथ बच्चों के खिलाफ अपराध में 28वें और फिरौती के लिए अपहरण के मामले में 36वें स्थान पर है.
गौरतलब है कि भारत में 2021 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,28,278 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 की तुलना में 15.3 प्रतिशत ज्यादा है. 2021 के दौरान बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,49,404 मामले दर्ज किए गए, ये आंकड़े दर्शाते हैं कि 2020 की तुलना में 16.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में अपराध करने के बाद सजा देने की दर भी देश के अधिकांश राज्यों में सबसे अधिक है. महिलाओं के खिलाफ मामलों में अपराधियों की सजा, साइबर अपराध, हथियार जब्ती और आईपीसी के तहत गिरफ्तारी के मामले में, यूपी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे ऊपर है.
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 की तुलना में यूपी में 2021 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में 6.2 फीसदी और 11.11 फीसदी की गिरावट आई है. वर्ष 2019 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 59853 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में घटकर 56083 हो गए. इसी तरह 2019 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 18943 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में घटकर 16838 रह गए.
इन अपराधों में तेज गिरावट का श्रेय मिशन शक्ति, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और बाल सेवा योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं और बच्चों दोनों को सशक्त बनाने के लिए सीएम योगी की पहल को दिया जाता है.
यूपी में महिलाओं के खिलाफ मामलों में 7713, साइबर अपराध में 292, हथियार जब्ती के मामलों में 40212 और आईपीसी के तहत 112800 अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं.
कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और राज्य में कानून का शासन बहाल करने के कदम ने हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव लाया है. आज राज्य की लड़कियां पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं और निवेशक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने को तैयार हैं.