दिल्ली को अगले साल ही मिल सकेगा नया मेयर, मौजूदा मेयर के कार्यकाल पर कन्फ्यूजन बरकरार

सारी औपचारिकताएं पूरी होने और उपराज्यपाल विनय सक्सेना के मेयर चुनाव के लिए समय जगह और तारीख तय करने के बाद म्युनिसिपल सेक्रेटरी, मेयर चुने गए महिला को शपथ दिलाने वाले व्यक्ति का नाम तय करने के लिए अनुमति मांगेंगे और सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने में का समय लग सकता है.

Delhi Mayor
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी को मात देकर नगर निगम मुख्यालय में आम आदमी पार्टी के आने के बाद अब सभी की नजरें मेयर चुनाव पर है दिल्ली का प्रथम नागरिक कहा जाने वाला मेयर एमसीडी एक्ट के मुताबिक महिला ही होगी. हालांकि चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन अफसरों का मानना है सारी औपचारिकताओं को पूरा होने में महीने भर का समय लग सकता है सिविक मुख्यालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि म्युनिसिपल सेक्रेटरी ने मेयर चुनाव की तारीख, वक्त और जगह तय करने के लिए एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिख दिया है अब यह पत्र कमिश्नर उपराज्यपाल को भेजेंगे जिसकी अनुमति मिलने के बाद यह कार्यवाही शुरू होगी. नगर निगम मामलों के जानकार जगदीश ममगाई का कहना है कि मेयर का चुनाव हो उससे पहले म्युनिसिपल सेक्रेटरी सभी 250 चुने प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर ना केवल उनसे उनका पांच फोटो मांगेंगे बल्कि मेयर चुनाव की आधिकारिक सूचना भी देंगे. आपको बता दें कि Municipal secretary ने राज्य चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर जीते हुए ढाई सौ पार्षदों के वार्ड और नाम पता मोबाइल नंबर समेत उनकी पार्टी से संबंधित सारी जानकारी देने को कहा है.

सारी औपचारिकताएं पूरी होने और उपराज्यपाल विनय सक्सेना के मेयर चुनाव के लिए समय जगह और तारीख तय करने के बाद म्युनिसिपल सेक्रेटरी, मेयर चुने गए महिला को शपथ दिलाने वाले व्यक्ति का नाम तय करने के लिए अनुमति मांगेंगे और सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने में का समय लग सकता है. निगम गठन की अधिसूचना जारी होने पर मिनिमम 7 दिन का शेड्यूल बनाना होता है. 5 दिन पहले नॉमिनेशन भरा जाता है मेयर, डिप्टी मेयर का. फिर हाउस में सुबह शपथ होती है. और बाद में मेयर का चुनाव होता है. 

मेयर के चुनाव में ये हैं वोटर 

250 पार्षदों के साथ साथ 10 सांसद (3 राज्यसभा सांसद और 7 लोकसभा सांसद)  और 13 विधानसभा सदस्य मतदान करेंगे. आम आदमी पार्टी ने 250 वोर्डों में से 134 वोर्डों पर जीत हासिल की है. बीजेपी को 104 सीटों मिली हैं. यानि  273 वोटर मेयर के चुनाव के लिए वोटिंग करेंगे यानि साफ हुआ कि 137 बहुमत का आंकड़ा मिलने वाली राजनीतिक पार्टी का ही मेयर होगा. आप के 134 पार्षद,  3 राज्यसभा सांसद भी 'आप' से ही हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी के मेयर उम्मीदवार को बहुमत मिलने की काफी संभावना है.  

मौजूदा मेयर के कार्यकाल पर कन्फ्यूजन बरकरार 

दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट के तहत दिल्ली नगर निगम का साल अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को खत्म होता है. और इतना ही  नहीं   एक्ट में प्रावधान है की पहले साल महिला पार्षद महापौर के तौर पर चुनी जाएगी क्या चुनी जाने वाली  महिला महापौर का कार्यकाल बहुत कम साढ़े 3 महीने ही रहेगा. एमसीडी के 5 साल के कार्यकाल में 5 बार ही महापौर का चुनाव होने का प्रावधान है ऐसे में दूसरा संकट उठ खड़ा होगा कि साल 2026 में महापौर का चुनाव होगा भी या नहीं? 

निगम मामलों के जानकार जगदीश ममगाईं का कहना है ऐसी स्थिति 1997 में आई थी जब एमसीडी के चुनाव फरवरी महीने में हुए थे और एमसीडी के सदन के गठन की कवायद भी की गई उस वक्त एमसीडी के सदन का गठन 1 महीने तक नहीं किया गया था पार्षदों को अप्रैल महीने में शपथ दिलाई गई थी और महापौर का चुनाव भी अप्रैल महीने में ही हुआ था यानी फरवरी महीने में चुने गए पार्षद 1 महीने तक सदन से दूर रहे. ममगाईं का मानना है कि इस पर क्लैरिटी केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन के बाद ही आएगी  

डीएमसी एक्ट की धारा 2 (67)  के मुताबिक एमसीडी का अप्रैल माह के प्रथम दिन से वर्ष शुरू होता है और 31 मार्च को साल खत्म होता है डी एम सी की धारा 4 (1) में उल्लेख किया गया है कि चुनाव के बाद एमसीडी के सदन के प्रथम अधिवेशन के दिन से 5 साल तक उसका कार्यकाल होगा लेकिन एमसीडी सचिवालय एक सदन के कार्यकाल में महापौर का छठा चुनाव नहीं कराता है लिहाजा साल 2026 में महापौर का चुनाव नहीं हो सकेगा ऐसा इसलिए क्योंकि एमसीडी के 5 साल के कार्यकाल में 5 बार ही महापौर के चुनाव का प्रावधान है.  

-राम किंकर सिंह की रिपोर्ट

 

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