नोएडा के ज्यादातर इलाकों में ना तो आवासीय और ना ही उद्योग लगाने के लिए जगह है. लिहाजा अब नोएडा अथॉरिटी का सारा ध्यान एक्सप्रेसवे यानी साउथ नोएडा की तरफ है. दरअसल जनवरी, 2021 में शासन ने गजट जारी कर दिया था. इसको 'दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र' नाम दिया गया. यह नया शहर करीब 20 हजार हेक्टेयर जमीन में बसेगा. इसे इंटिग्रेटेड सिटी के रूप में बसाया जाएगा. बोर्ड बैठक में प्लान 2041 को मंजूरी दे दी गई है. शासन से मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण का काम शुरु किया जाएगा.
कौन तैयार करेगा प्लान?
नए नोएडा का मास्टर प्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर नई दिल्ली तैयार कर रहा है. नोएडा प्राधिकरण ने कंसल्टेंट के रूप में इसका चयन कर लिया है. एसपीए अगले महीने से मास्टर प्लान के तैयारी का अभियान शुरू करेगा. नई नवेले नोएडा को बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार होना था जिसके लिए आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रुड़की जैसे तमाम बड़े संस्थानों से आवेदन मांगे गए थे, इन सबके बीच में स्कूल आफ प्लैनिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली को यह काम सौंपा गया है. दरअसल इस नए नोएडा को हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बसाया जाएगा जिसमें आधुनिकतम सुविधाएं मौजूद होंगी. सबसे ज्यादा जोर उद्योगों पर दिया जाएगा. इसमें 41 औद्योगिक क्षेत्र, 11.5 आवासीय क्षेत्र, 17 हरियाली और 9 संस्थागत होंगे.
आशियाने का सपना होगा साकार
नए नोएडा में विकास का बेहतरीन मॉडल पेश करने की तैयारी की जा रही है जिसके तहत इंडस्ट्रियल, स्टेट एग्रो, फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी जोन, स्किल डेवलपमेंट नॉलेज जोन, इंडस्ट्रियल जोन, रेजिडेंशियल जोन स्थापित करने की योजना है. दिल्ली-एनसीआर में नए नोएडा प्रोजेक्ट के बाद इंडस्ट्री और रियल स्टेट के क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. कोरोना महामारी की वजह से ठप और अरबों रुपए का नुकसान उठा चुके रियल स्टेट को राहत मिलेगी. साथ ही लाखों लोगों के अपने आशियाने का सपना भी साकार हो सकेगा.
नोएडा अथॉरिटी की मानें तो नोएडा अथॉरिटी ने 80 गांवों को मिलाकर एक नए नोएडा को बनाने का फैसला किया है। यह फैसला नए नोएडा शहर को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से जोड़ेगा। यह ट्रांसपोर्ट हब बोडाकी रेलवे स्टेशन पर बनेगा। इसके साथ ही दुबई और सिंगापुर जैसे पोर्ट की तरह इनलैंड कंटेनर डिपो भी बनाया जा रहा है। इसी स्टेशन की दूसरी तरफ आईएसबीटी का निर्माण किया जाएगा। साथ में मेट्रो स्टेशन भी बनाया जाएगा। इसी तरह शिकागो और यूरोपियन देशों की तर्ज पर पूरे एरिया को ज़ोन में डेवलप किया जाएगा।
बनाए जाएंगे दो नए कॉरिडोर
जी हां, नोएडा अथॉरिटी ने दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों की 210 वर्ग किलोमीटर जमीन अधिग्रहीत करने की तैयारी शुरू कर दी है. नए नोएडा में दो नए रेल कॉरिडोर होकर गुजरेंगे. नया नोएडा रेल कॉरिडोर का बड़ा हब बनेगा. गौरतलब है कि नए नोएडा में गौतम बुध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल किए गए हैं जिसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है. दरअसल दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की बहुत बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना में भारत और जापान ने मिलकर काम शुरू किया है. यह कोरिडोर 7 राज्यों दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा, मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात से होकर महाराष्ट्र तक जाएगा.
बुलंदशहर के कई गांवों को किया गया शामिल
दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना को भारत और जापान ने मिलकर शुरू किया है. दूसरा कॉरिडोर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के इंदौर से होकर गुजरेगा. करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन तमाम गांव को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था. बाद में बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़ कर दो अलग-अलग प्राधिकरण बना दिए गए थे जिसके चलते इन गांवो को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया था.
अब ये 80 गांव नोएडा को दिए जाने के आदेश सरकार ने दिए हैं. बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में इन गांवों को शामिल कर दिया जाएगा. नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने बताया कि ये 80 गांव मिलने से नोएडा में विकास की योजनाएं लागू की जाएंगी. गांव में गौतम बुध नगर से 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल है. नोएडा के विकास के लिए अब सरकार ने ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गांव नोएडा अथॉरिटी को सौंप दिए हैं जिसके लिए गैजेट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है.