Family Pension Scheme: महिला कर्मचारियों के लिए बदले पेंशन के नियम, घरेलू हिंसा और तलाक की स्थिति में पति की जगह बच्चे को बना सकती हैं पेंशन नॉमिनी

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 का नियम 50 सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन देने की अनुमति देता है.

Female employee can now nominate her child or children for family pension
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST
  • महिला कर्मचारियों के लिए बदले पेंशन के नियम
  • महिला सरकारी कर्मचारियों -पेंशनधारकों को सरकार ने दी राहत

सरकारी महिला कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. वैवाहिक कलह की स्थिति में महिला कर्मचारी अपने पति के बजाय अब अपने बच्चों को फैमिली पेंशन (Family Pension) के लिए नॉमिनेट कर सकती है. डीओपीपीडब्ल्यू (Department of Pension & Pensioners' Welfare) ने अब नियमों में संशोधन किया है. नए नियमों में, एक महिला कर्मचारी को फैमिली पेंशन के लिए अपने पति के बजाय अपने बच्चे/बच्चों को नामांकित करने का हक है.

फाइनेंशियल बेनिफिट है फैमिली पेंशन
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 का नियम 50 सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन देने की अनुमति देता है. काम के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो फैमिली पेंशन एक फाइनेंशियल बेनिफिट है, जोकि उस एम्प्लॉई के परिवार को दी जाती है. 

फैमिली पेंशन के लिए क्या हैं नियम
किसी सरकारी कर्मचारी के मृत्यु के बाद फैमिली पेंशन सबसे पहले उसके पति या पत्नी को दी जाती है. नियमों के अनुसार, मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी का जीवनसाथी फैमिली पेंशन के लिए अयोग्य हो जाने या उसकी मौत हो जाने के बाद ही परिवार का दूसरा सदस्य पारिवारिक पेंशन के योग्य बनते हैं. सभी के लिए अभी भी यही नियम लागू हैं. केवल घरेलू हिंसा के केस और तलाक के मामलों में पति के बजाय बच्चे को नॉमिनी बनाने की छूट दी गई है.

महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाएगा यह संशोधन
मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे थे, जिसमें सलाह मांगी गई थी कि क्या एक महिला सरकारी कर्मचारी को विवाह से जुड़े किसी विवाद के मामले में उसके पति की जगह पर फैमिली पेंशन के लिए बच्चों को नॉमिनी बनाया जा सकता है. सरकार का कहना है कि यह संशोधन महिला कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को सशक्त बनाएगा. अगर किसी कोर्ट में तलाक का मामला लंबित है तो महिला कर्मचारी अपने पति से पहले अपने बच्चों को फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है.

 

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