यूपी में जमीन खरीदना हुआ आसान! अब किसी भी तहसील में करा सकेंगे रजिस्ट्री..जानिए क्या हुआ बदलाव

UP Land Registry Process: उत्तर प्रदेश में जमीन या फिर प्रॉपर्टी खरीदने वालों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी राहत दी है. अब उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए आपको रजिस्ट्री दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. लेकिन पहले चरण में यह व्यवस्था 18 मंडलों में ही लागू होगी.

New Registry Rule in UP
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST
  • प्रदेश के 18 मंडलों में ये प्रक्रिया लागू हो गई
  • अब जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे

यूपी में प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने वालों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी राहत दी है. अब लोग आसानी से तहसील में भी रजिस्ट्री करा सकेंगे. यह प्रक्रिया 12 सितंबर से ही शुरु कर दी गई है. फिलहाल प्रदेश के 18 मंडलों में ये प्रक्रिया लागू हो गई है और आनेवाले दिनों में पूरी तरह से प्रदेश के सभी तहसीलों में लागू कर दी जाएगी. इस नए नियम के लागू हो जाने आपको लंबी लाइनों से भी निजात मिल जाएगा. अगर आपके तहसील में लंबी लाइन लगती है तो अब दूसरे तहसील में जमीन रजिस्ट्री करवा सकेंगे, जहां पर लाइन कम लगती हो.

जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने से मिलेगी राहत

बता दें कि योगी सरकार के इस फैसले से मकान या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. यही नहीं योगी सरकार ने ये भी फैसला किया है कि अपने रिश्तेदारों सगे संबंधियों या घर के किसी भी सदस्य का नाम संपत्ति की रजिस्ट्री में जोड़ने या उसके नाम ट्रांसफर या रजिस्ट्री किया जा सकेगा. इसके लिए मोटी राशि नहीं बल्कि केवल 5 हजार का शुल्क और एक हजार रूपये का प्रोसेसिंग फीस देकर ये काम किया जा सकता है.

परिवार के ये सदस्य गिफ्ट डीड के दायरे आएंगे

वहीं छूट का लाभ स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा. बता दें कि छूट के बाद राजस्व और रजिस्ट्रियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा 6 माह से आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा.

जानकारी के लिए बता दें कि गिफ्ट डीड के दायरे में पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे.

पहले चरण में यह व्यवस्था 18 मंडलों में लागू 

बता दें कि यह नियम पहले मंडलों में लागू होगा. वहां एक से ज्यादा रजिस्ट्री कार्यालय होते हैं. इसमें आगरा, सहारनपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, बरेली, लखनऊ, चित्रकूट, झांसी, अयोध्या, गोरखपुर, कानपुर, गोंडा, मेरठ, बस्ती, मुरादाबाद, आजमगढ़, अलीगढ़ और वाराणसी मंडल शामिल है. इस प्रक्रिया को इन मंडलों में सफल होने के बाद इसको जिला मुख्यालय पर लागू किया जाएगा.

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