Nirmal Jit Singh Sekhon Birth Anniversary: दुश्मन के 6 लड़ाकू विमान और सेखों की हिम्मत... 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर अकेले भारी पड़े थे निर्मलजीत सिंह, मरणोपरांत मिला था Param Vir Chakra

Indo Pak War: फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 6 लड़ाकू विमानों से लोहा लिया था. उन्होंने पाकिस्तान के कई विमानों को तबाह कर दिया. हालांकि इस लड़ाई में सेखों वीरगति को प्राप्त हुए. मरणोपरांत निर्मलजीत सिंह को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

परमवीर चक्र वितेजा निर्मलजीत सिंह सेखों का जन्म 17 जुलाई 1943 को हुआ था (Photo/Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST

साल 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों ने दुश्मन देश के छक्के छुड़ा दिए थे. पाकिस्तान के 6 लड़ाकू विमानों पर अकेले भारी पड़े थे. हालांकि इस युद्ध में जांबाज अफसर खुद शहीद हो गए. लेकिन इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया था. उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत फ्लाइंग ऑफिसर को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. निर्मलजीत सिंह का जन्म 17 जुलाई 1943 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था. चलिए आपको देश पर मर मिटने वाले इस जांबाज अफसर की कहानी बताते हैं.

एयरफोर्स के इकलौते परम वीर चक्र विजेता-
फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों इंडियन एयरफोर्स के इकलौते फ्लाइंग अफसर हैं, जिनको परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया. सेखों ने पाकिस्तान के कई फाइटर प्लेन को नेस्तनाबूद कर दिया था और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.

24 साल की उम्र में सेना में बने पयलट-
पंजाब में लुधियाना के एक छोटे से गांव रुरका में निर्मलजीत सिंह सेखों का जन्म हुआ था. उनके पिता तारलोचन सिंह एयरफोर्स में थे. बचपन से वो सेना की बहादुरी के किस्से सुनते थे. इसलिए उनको मन में भी सेना में जाने का सपना पलने लगा. 24 साल की उम्र में साल 1967 में सेखों पायलट बने. 4 साल के बाद निर्मलजीत सिंह को फ्लाइंग अफसर बना दिया गया.

शादी के कुछ दिन बाद ही छिड़ गई जंग-
निर्मलजीत सिंह सेखों की शादी मंजीत कौर नाम की लड़की से हुई. शादी के कुछ दिन ही बीते थे कि बॉर्डर पर एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ. 3 दिसंबर 1971 को खबर मिली कि पाकिस्तान से जंग छिड़ गई है. अभी पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी, लेकिन सेखों ने देश की सुरक्षा का अपना वादा पूरा करने निकले पड़े.

पाकिस्तान के 6 लड़ाकू विमान और सेखों-
14 दिसंबर 1971 को श्रीनगर एयरफील्ड पर पाकिस्तान के 6 सेबर फाइटर प्लेन F-86 ने हमला बोल दिया था. फ्लाइंग ऑफिसर सेखों दुश्मनों पर टूट पड़ने के लिए तैयार थे. लेकिन श्रीनगर एयरबेस पर धुंध थी. लेकिन फ्लाइंग लेफ्टिनेंट घुम्मन ने 18 नेट स्क्वाड्रन फाइटर प्लेन के साथ उड़ान भरी. सेखों ने घुम्मन को कवर दिया. जल्द ही सेखों दुश्मनों पर टूट पड़े.
अब लड़ाई आसमान के बादलों के बीच थी. पाकिस्तान के 2 विमान दिखाई देने लगे. सेखों ने उनका पीछा किया और जल्द ही दोनों को मार गिराया. इसके बाद सेखों ने पाकिस्तान के उस विमान की तरफ अपना विमान घुमा दिया, जो एयरबेस पर बमबारी कर रहा था. दुश्मन कुछ समझता, इससे पहले ही सेखों ने उस विमान को जमीन पर गिरा दिया. सेखों 3 पाकिस्तानी विमानों को नेस्तनाबूद कर चुके थे. इस लड़ाई में सेखों का विमान दुश्मन के हमले का शिकार हो गया और विमान बडगाम के पास क्रैश हो गया और इस लड़ाई में निर्मलजीत सिंह सेखों वीरगति को प्राप्त हुए.

मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित-
फ्लाइंग ऑफिसर सेखों के झटकों से पाकिस्तान उबर नहीं पाया और 16 दिसंबर को भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया. बांग्लादेश के नाम से एक नए देश का जन्म हुआ. उधर, निर्मलजीत सिंह सेखों को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी पत्नी और पिता ने ये सम्मान लिया.

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