बिहार के सरकारी कर्मचारियों को सरकार का तोहफा, महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी

दिवाली और छठ पूजा से पहले नितिश कुमार ने बिहार के लोगों को तोहफा दिया है. कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए और सरकार ने 4 लाख से अधिक कर्मचारियों और 2 लाख से अधिक पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता 4% तक बढ़ा दिया है.

Nitish Kumar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST
  • 1 जुलाई, 2022 के प्रभाव से मिलेगा पैसा
  • 4 फीसदा बढ़ा भत्ता

दीपावली से पहले नीतीश सरकार ने कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज दी है. गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें से एक ये है कि बिहार सरकार ने 4 लाख से अधिक कर्मचारियों और 2 लाख से अधिक पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता 4% तक बढ़ा दिया है. यानी अब कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 34 फीसदी की जगह 38 फीसदी हो जाएगा. 1 जुलाई 2022 से नये महंगाई भत्ते को स्वीकृति मिली है. राज्य सरकार पर इस मद में 863 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा.

13 अक्टूबर को हुई नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक में 21 एजेंडों पर मुहर लगी जिसमें सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए आकस्मिकता निधि से 500 करोड़ रुपये के आवंटन की स्वीकृति दी गई है. इसके अलावा राज्य के 11 जिलों के 96 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए प्रभावित परिवारों को प्रति परिवार के हिसाब से 3500 रुपये प्रति परिवार सहायता राशि देने को भी मंजूरी दी गई है. बढ़ा हुआ भत्ते का लाभ 1 जुलाई, 2022 के प्रभाव से मिलेगा. इससे राज्य सरकार का सालाना 863 करोड़ अतिरिक्त खर्च होगा.

कौन से हैं वो 11 जिले ?
जिन जिलों के गांव सूखाग्रस्त घोषित हुए हैं उनमें जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, बांका, जमुई और नालंदा शामिल हैं.

किसानों को भी राहत
इसके अलावा अक्टूबर के माह में हुई बेहिसाब बारिश की वजह से किसानों की फसल भी बरबाद हुई है. इसके लिए किसानों को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी, जिसके लिए सर्वेक्षण का काम जल्द शुरू किया जाएगा. पीड़ित परिवारों को कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा और फिर सहायता राशि प्रदान की जाएगी.

क्या लिए गए अन्य फैसले?
कैबिनेट ने सैप में कार्यरत कुल 3953 सेवानिवृत्त सैनिकों की अनुबंध अवधि 2022-23 के लिए विस्तारित करने की स्वीकृति दी है.

वहीं बिहार के प्रोबेशन निदेशालय में अतिरिक्त 97 निम्न वर्गीय लिपिक, 30 उच्च वर्गीय लिपिक और 10 प्रधान लिपिक यानी कुल 137 अतिरिक्त लिपिक संवर्ग के पदों की स्वीकृति दी गई है.

शराबबंदी को सफल बनाने के लिए बिहार मद्य निषेध अवर सेवा के विभिन्न कोटि के 905 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. इन पदों की स्वीकृति से पटना जिले में छह, भागलपुर में दो, पश्चिम चंपारण में दो समेत अन्य जिलों में चलंत दल गठित की जाएगी, जो शराब माफियाओं के खिलाफ छापेमारी करेगी. 

बिहार के 22 प्रस्तावित सरकारी महाविद्यालयों के लिए पूर्व में सृजित कुल 1420 शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के पदों को प्रत्यर्पण किया गया है.

बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मियों के कुल 1420 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.

 

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