अब FASTAG के नहीं काम करने पर भी टोल प्लाजा से गुजरने पर वॉलेट से ऑटोमेटिक कट जाएगा टैक्स...कैसे? जानिए

5.56 करोड़ फास्टैग जारी किए जाने और 96.6 फीसदी टोल तकनीक के जरिए होने के बावजूद टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ एक समस्या बनी हुई है. नितिन गडकरी ने कहा कि नई प्रणाली छह महीने के भीतर पेश की जाएगी.

Toll Plaza
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST
  • वॉलेट से शुल्क अपने आप कट जाएगा
  • पायलट प्रोजेक्ट पर चल रहा काम

भारत सरकार देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों से टोल प्लाजा को हटाने की योजना बना रही है. इसके बजाय किराया घटाने के लिए कैमरों का उपयोग किया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय टोल प्लाजा को स्वचालित नंबर प्लेट रीडर  (ANPR)कैमरों से बदलने की योजना के साथ आगे बढ़ रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार ये ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर आसानी से नंबर प्लेट पढ़ सकते हैं. एक पायलट कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है और टोल प्लाजा छोड़ने वाले वाहन मालिकों को दंडित करने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं.

यानी की अगर एक्सप्रेसवे या नेशनल हाइवे पर आपकी गाड़ी पर लगे फास्टैग का बार कोड स्कैन नहीं भी होता है और आप आगे बढ़ जाते हैं तो भी आपके वॉलेट से शुल्क अपने आप कट जाएगा. ये ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे वाहनों को ट्रैक करने में सक्षम हैं.

लाइव हिन्दु्स्तान की खबर के अनुसार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों पहले कई वाहनों के शीशे पर बिना फास्टैग लगाए उन्हें टोल से जाने दिया गया. हालांकि इन वाहनों पर फास्टैग लिया गया था और वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस भी था. इन गाड़ियों के टोल प्लाजा से निकलने के दौरान एएनपीआर कैमरे ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को पूरी तरह से स्कैन कर एटीएमएस सेंटर को अपने आप ही सूचना भेज दी. इसके बाद सिस्टम ने ऑनलाइन ट्रैस कर लिया कि उन गाड़ियों पर किन कंपिनयों के फास्टैग लगे हैं और कितना शुल्क काटा गया है. इस दौरान कई कमियां भी पाई गईं, जिन्हें दूर कर लिया गया है.

कहां-कहां हुआ सफल ट्रायल
दिल्ली-जयपुर हाईवे
दिल्ली-आगरा हाईवे
दिल्ली- हिसार नेशनल हाईवे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे

कैसे काम करेगा?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार टोल रोड के प्रवेश और निकास पर कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और वाहन मालिकों के बैंक खातों से अपने आप टोल काट लेंगे. हालांकि, जो नंबर प्लेट 2019 के बाद बनी हैं, उन्हें ही कैमरे में कैद किया जा सकेगा और पैसे कटेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने 2019 में यात्री वाहनों को कंपनी-फिटेड नंबर प्लेट लगाने का आदेश दिया था और केवल इन नंबर प्लेटों को ही कैमरों द्वारा पढ़ा जा सकता है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,“2019 में हमने एक नियम बनाया कि कारें कंपनी-फिटेड नंबर प्लेट के साथ आएंगी. तो, पिछले चार साल में जो वाहन आए हैं उन पर अलग-अलग नंबर प्लेट हैं. अब टोल प्लाजा को हटाने और कैमरे लगाने की योजना है, जो इन नंबर प्लेट को पढ़ेगा और सीधे खाते से टोल काट लिया जाएगा. हम इस योजना का पायलट भी कर रहे हैं. हम उन कारों के लिए एक प्रावधान ला सकते हैं जिनमें ये नंबर प्लेट नहीं हैं, उन्हें एक निश्चित अवधि के भीतर स्थापित करने के लिए. हमें इसके लिए एक विधेयक लाना होगा. ”

वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस जरूरी
फास्टैग वॉलेट में एक निश्चित बैलेंस होना जरूरी है. नए नियमों के तहत वॉलेट में बैलेंस न होने पर जुर्माना से लेकर फास्टैग और आरसी ब्लॉक करने तक का प्रावधान होगा. साथ ही फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस होने पर ही इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाण पत्र ले पाएंगे.
 

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