देश के मौजूदा हालात को लेकर नोबेल लॉरेट अमर्त्य सेन ने जताई चिंता, कहा- एकता बनाने की है जरूरत

कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में अमर्त्य रिसर्च सेंटर के उद्घाटन के मौके पर अमर्त्य सेन ने देश के हालात पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर कोई मुझसे पूछे कि क्या मुझे किसी चीज से डर लगता है, तो मैं 'हां' कहूंगा. अब डरने की वजह है. देश की मौजूदा स्थिति डर का कारण बन गई है."

अमर्त्य सेन
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST
  • देश के हालात हैं डरावने: अमर्त्य सेन
  • देश किसी एक का नहीं: अमर्त्य सेन

देश में इन दिनों बड़े अजीब हालात चल रहे हैं. देश इस दौरान बड़े संकट से गुजर रहा है. कहीं दंगे तो कहीं सियासी संकट, इसके अलावा देश में नफरतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत आज जिस सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है, वह "राष्ट्र का संभावित पतन" है.

देश के हालात हैं डरावने: अमर्त्य सेन
कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में अमर्त्य रिसर्च सेंटर के उद्घाटन के मौके पर सेन ने कहा कि लोगों को एकता बनाए रखना चाहिए. धार्मिक आधार पर बंटवारा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर कोई मुझसे पूछे कि क्या मुझे किसी चीज से डर लगता है, तो मैं 'हां' कहूंगा. अब डरने की वजह है. देश की मौजूदा स्थिति डर का कारण बन गई है." सेन ने कहा, "मैं चाहता हूं कि देश एकजुट रहे. मैं ऐसे देश में विभाजन नहीं चाहता जो ऐतिहासिक रूप से उदार था. हमें एक साथ काम करना होगा."

पैगंबर मोहम्मद मुद्दे पर अमर्त्य सेन
पैगंबर मोहम्मद पर नुपूर शर्मा के विवादित बयान के बाद देश में हिंसा का दौर चल रहा है. इसको लेकर सेन ने कहा, "भारत को एक जुट होकर रहना चाहिए. भारत केवल हिंदुओं का देश नहीं है. मुस्लिम धर्म की सबसे बड़ी शख्सियत पैगंबर मोहम्मद को लेकर उन पर हमला बोल दिया. यह लोगों और बाकी लोगों के साथ हमारे संबंधों पर भयानक प्रभावों के साथ विचारों की दुस्साहस का नतीजा है.

न्यायपालिका पर अमर्त्य सेन
भारतीय न्यायपालिका को लेकर उन्होंने कहा कि, "भारतीय न्यायपालिका में हम देखते हैं कि प्रतिभा की चमक के बावजूद, ऐसे मामले हैं जहां वे विखंडन के खतरों को इस तरह से नजरअंदाज कर देते हैं जो डरावना है." उन्होंने कहा कि मैं न्यायपालिका को व्याख्यान देने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, लेकिन लोकतंत्र में न्यायपालिका अत्यंत महत्वपूर्ण है."


 

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