कहीं सड़क पर चम्मच,कांटा, छुरी बना हुआ है तो कहीं पर स्कूल जाते बच्चों की तस्वीर. सड़क पर कदमों के निशान बने हुए हैं तो कहीं गोल्फ़ खेलते लोग. नोएडा में अब आप सड़कों पर निकलेंगे तो आपको जगह-जगह ऐसे ही कलाकृतियां दिखाई पड़ेंगी. नोएडा अथॉरिटी ने लोगों को ट्रैफिक के प्रति जागरूक करने के लिए और स्वच्छता सर्वेक्षण में ज्यादा नंबर पाने के लिए अनोखी पहल शुरू की है. नोएडा अथॉरिटी ने अब रोड पर जेब्रा लाइन पर अलग-अलग कलाकृतियां बनाना शुरू कर दिया है. जेब्रा लाइन पर क्या कलाकृति बनाई जाएगी इसके लिए अलग-अलग थीम उस इलाके में पड़ने वाली खास जगहों के आधार पर तय की जाएगी. फिलहाल नोएडा अथॉरिटी ने नोएडा के 10 पॉइंट पर यह काम कर दिया है.
थीम के हिसाब से बनाए गए हैं डिजाइन
सेक्टर-29 का ब्रह्मपुत्र मार्केट नोएडा का एक बड़ा फूड प्वाइंट् माना जाता है. यहां पर खाने-पीने की कई दुकानें और रेस्टोरेंट हैं. इसी के आधार पर सेक्टर 29 की रेड लाइट पर जेब्रा लाइन की जगह अब कांटा चम्मच और छुरी की डिजाइन बनाई गई है. इसी तरह सेक्टर 30 में एक प्राइवेट स्कूल है, उस स्कूल के पास में जेब्रा लाइन पर स्कूल जाते बच्चों की डिजाइन बनाई गई है. इतना ही नहीं यहां पास में रेजिडेंशियल सेक्टर भी है इसलिए यहां पर ऐसे डिजाइन बनाए गए हैं जो डॉग फ्रेंडली नेचर की तरफ इशारा करते हैं.
इसी तरह जब आप नोएडा के गोल्फ कोर्स की तरफ बढ़ते हैं तो वहां की रेड लाइट पर जेब्रा लाइन पर गोल्फ खेलते हुए खिलाड़ियों की डिजाइन बनाई गई है. नोएडा अथॉरिटी ने ऐसी ही कई डिजाइन अस्पताल,स्कूल,मार्केट के आधार पर तय की हैं. नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि इसके बहुत सारे फायदे हैं. अमूमन लोग जेब्रा लाइन को मानते नहीं हैं. वह अपनी गाड़ी को उसके ऊपर ही लाकर खड़ा करते हैं. लोगों को ट्रैफिक के लिहाज से जागरुक करने के लिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं.z
5 साल तक रहेगा पेंट
दूसरा जब लोग जेब्रा लाइन पर इस तरह के डिजाइन देखेंगे तो उनको इस बात का भी अंदाजा होगा कि जहां वह खड़े हैं उसके आसपास किस तरह का इलाका है, किस तरह का ट्रैफिक है और वहां पर उन्हें गाड़ी की रफ्तार कैसी रखनी है. इससे उन लोगों को भी फायदा होगा जो शहर में बाहर से आते हैं और उन्हें कई बार रेस्टोरेंट जैसी चीजें ढूंढनी पड़ती हैं. इसका एक फायदा और है. नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी कहते हैं कि अमूमन जब हम जेब्रा लाइन बनाते हैं तो उसके पेंट की लाइफ डेढ़ से 2 साल की होती है लेकिन इस तरह के डिजाइन को एक अलग तरह के पेंट से तैयार किया जा रहा है, जिससे इसकी उम्र 5 साल तक रहेगी मतलब पैसे की भी बचत होगी. हालांकि आपको बता दें कि जेब्रा लाइन पर इंडिजाइन को बनाने में लगभग 40 लाख रुपए का खर्च आएगा. इस पूरी कवायद के जरिए एक कोशिश यह भी की जा रही है कि नोएडा अथॉरिटी स्वच्छता सर्वेक्षण में भी अपने नंबर इसके जरिए बढ़ा सकें हालांकि सड़क पर डिजाइन को देखकर लोग भी काफी उत्साहित दिखाई पड़ रहे हैं और शहर को सुंदर बनाने के लिए इसे एक अच्छा कदम मानते हैं.