High Court का बड़ा फैसला, कुत्ते के काटने पर सरकार को देना होगा मुआवजा, हर दांत के निशान पर मिलेंगे 10 हजार रुपए

Chandigarh: हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों के काटने से जुड़ी घटनाओं में सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है. मुआवजा राशि चार महीने के अंदर पीड़ित को देनी होगी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को गाइडलाइंस जारी करने का आदेश दिया है. 

आवारा कुत्ते (फाइल फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST
  • हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने समितियां गठित करने का भी दिया आदेश 
  • चंडीगढ़ में कुत्ते काटने की बढ़ी घटनाओं पर जताई चिंता 

यदि कोई आवारा कुत्ता किसी को काट लेता है तो फिर हर दांत के निशान के बदले सरकार को 10,000 रुपए का मुआवजा देना होगा. हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया है. एक सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि यदि 0.2 सेंटीमीटर मांस भी बाहर आ गया हो तो उसके एवज में कम से कम 20 हजार रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए. अदालत ने आवारा कुत्तों के हमले से जुड़े 193 मामलों की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

इस मामले पर हो रही थी सुनवाई
हाई कोर्ट आवारा, जंगली जानवरों के अचानक वाहन के सामने आने से चोटों या मौत के कारण होने वाली घटनाओं और दुर्घटनाओं के लिए पीड़ितों या उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजे के भुगतान से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. जस्टिस विनोद एस भारद्वाज की बेंच ने कहा, कुत्ते के काटने के बाद यदि कोई जरूरी दस्तावेजों के साथ मुआवजे के लिए अर्जी देता है, तो समितियां इस पर तत्काल कार्रवाई करें. आवेदन के बाद सारी कानूनी-प्रक्रियाएं करके 4 महीने के अंदर मामले का निपटारा करें.

चिंताजनक स्थिति
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस भारद्वाज ने कहा कि मौतों की बढ़ती संख्या और सड़कों पर आवारा जानवरों की बढ़ती खतरनाक दर चिंताजनक है. इसने मानव जीवन पर असर डालना शुरू कर दिया है. बेंच ने कहा कि इसलिए यह जरूरी है कि राज्य को अब बोझ साझा करना चाहिए और जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी चाहिए.

कैसे मिलेगा मुआवजा
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्य रूप से मुआवजे का भुगतान करने की जिम्मेदारी राज्य की होगी. राज्य चाहे तो मुआवजे की रकम संबंधित आरोप शख्स, एजेंसी या विभाग से वसूल सकता है, जिसका कुत्ते से लिंक हो. 

सरकार से गाइडलाइंस बनाने के आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि होने वाली किसी भी घटना या दुर्घटना के बारे में शिकायत मिलने के बाद पुलिस तत्काल कार्रवाई करे. इसके लिए राज्य सरकार गाइडलाइंस बनाए. हाईकोर्ट ने कहा कि कुत्ते के काटे जाने पर स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) बिना किसी अनुचित देरी के डीडीआर (दैनिक डायरी रिपोर्ट) दर्ज करें. पुलिस अधिकारी किए गए दावे को वेरिफाई करेगा. गवाहों के बयान दर्ज करेगा और स्थल योजना और सारांश तैयार करेगा. रिपोर्ट की एक कॉपी दावेदार को भी दिया जाएगा.

समिति में इनको करना चाहिए शामिल
हाई कोर्ट ने कहा कि आवारा पशुओं के हमले से जुड़े मामलों के मुआवजे के लिए बनने वाली समिति में डिप्टी कमिश्नर, एसडीए, ट्रैफिक पुलिस के एसपी अथवा डीएसपी जैसे अधिकारियों को शामिल करना चाहिए. पीठ ने निर्देश दिया कि फैसले की प्रतियां आवश्यक और त्वरित कार्रवाई और अनुपालन के लिए प्रमुख सचिव (गृह) के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशकों के कार्यालयों को भेजी जाएं. 

डॉग बाइट के मामलों में बढ़ोतरी
पंजाब स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कुत्तों के काटे जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. बीते पांच सालों में कुत्तों के काटे जाने के 6,50,904 से अधिक मामले सामने आए हैं. बीते एक साल में इन 6,50,904 में से 1,65,119 घायल हो गए थे. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के डेटा से पता चलता है कि राज्य में बीते एक दशक में कुत्तों के काटे जाने के 11.04 लाख मामले सामने आए. डॉग बाइट के सबसे अधिक मामले अंबाला (1.54 लाख), जिंद (1.43 लाख) और रोहतक (1.21 लाख) दर्ज किए गए.

सीईओ पराग देसाई की हो गई थी मौत
हाई कोर्ट बेंच के इस आदेश से आवारा कुत्तों के काटने को लेकर एक नई बहस शुरू हो सकती है. यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब देश भर में आवारा कुत्तों के हमलों को लेकर बहस छिड़ी हुई है. गत अक्टूबर में ही मशहूर चाय कंपनी वाघ बकरी के सीईओ पराग देसाई पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया था. उससे बचने की कोशिश में वह गिर पड़े थे और उनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके अलावा गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से एक बच्चे की तड़प-तड़पकर पिछले दिनों मौत हुई थी और वह कुत्ते की तरह भौंकने लगा था.

 

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