ओडिशा के पुलिस स्टेशन में होंगे बच्चों के लिए झूले, टीवी और अन्य सामान, क्या है child-friendly पुलिस स्टेशन, जानिए

पुलिस स्टेशन आने वाले बच्चों के लिए ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने एक अच्छी शुरुआत की है. उन्होंने यौन हिंसा के शिकार लोगों को मनोसामाजिक सहायता प्रदान करके लैंगिक हिंसा के मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक संपर्क हेल्प डेस्क की भी घोषणा की.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:47 AM IST
  • 16 पुलिस स्टेशनों को चाइल्ड फ्रेंडली घोषित किया1
  • आगे और स्टेशनों को बनाने का प्लान

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार (1 नवंबर) को 16 पुलिस स्टेशनों को चाइल्ड फ्रेंडली घोषित किया. उन्होंने कहा कि राज्य में 18 और ऐसे पुलिस स्टेशन बनाए जाएंगे जो बच्चों के अनुकूल हों. पटनायक ने यौन हिंसा के शिकार लोगों को मनोसामाजिक सहायता प्रदान करके लैंगिक हिंसा के मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक संपर्क हेल्प डेस्क की भी घोषणा की. ये हेल्प डेस्क ऐसे लोगों की मदद करेगी जो किसी घटना के बाद ट्रॉमा का सामना करते हैं.

भुवनेश्वर और जगतसिंहपुर में क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड विंग्स (CAW & CW) में बाल-सुलभ सुविधाओं की स्थापना की गई है. इसके अलावा राज्य के बारगढ़ के पद्मपुर, जाजपुर रोड, झारसुगुड़ा, नयागढ़, अस्का, सोरो, भवानीपटना सदर, रायरंगपुर, देवगढ़, राउरकेला सेक्टर 19, ढेंकनाल टाउन, क्योंझर टाउन, नाल्को में राज्य के अंगुल और बिनिका पुलिस स्टेशनों में भी सुविधा उपलब्ध है.

क्यों खास हैं ये स्टेशन?

  1. आईपीएस एडीजी सीएडब्ल्यू और सीडब्ल्यू रेखा लोहानी के अनुसार, राज्य में बाल-सुलभ पुलिस थानों को बच्चों के अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है.
  2. ऐसे पुलिस थानों में बच्चों के अनुकूल सुविधाएं और माहौल होता है और ये ऐसे सजाए गए हैं ताकि ये बच्चों को आकर्षित करे.
  3. बच्चों के अनुकूल पुलिस स्टेशन में सॉफ्ट टॉयज, एनिमेटेड स्टोरीबुक वाली लाइब्रेरी, बच्चों के लिए झूले, वॉशरूम, स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक अलग ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर और टीवी जैसे मनोरंजन साधन हैं.
  4. लोहानी ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य नाबालिगों को बिना किसी डर के पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए अधिक सहज बनाना है. इस तरह के उपायों का उद्देश्य पुलिस थानों में आने वाले बच्चों के डर और मानसिक दबाव को कम करना और न्याय की मांग करना है.
  5. शहर में महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध (सीएडब्ल्यू एंड सीडब्ल्यू) पुलिस स्टेशन में एक बाल-सुलभ इकाई खोली गई है, 15 अन्य जिलों में एक-एक ऐसी सुविधा है.
  6. यूनिसेफ (UNICEF)के तकनीकी सहयोग से शुरू किया गया संपर्क हेल्प डेस्क पीड़ितों को जिले में विभिन्न सहायता एजेंसियों जैसे डीसीपीयू, डीएसडब्ल्यूओ, सीडब्ल्यूसी, चाइल्डलाइन, वन स्टॉप सेंटर और जिला मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से जुड़ने में मदद करेगा.
  7. लोहानी के अनुसार, यह पहल उन्हें न्याय सुरक्षित करने की उनकी यात्रा में उनके अधिकारों और अधिकारों के बारे में सूचित करेगी.


 

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