कुछ दिन पहले ही राजस्थान में लिथियम का बड़ा भंडार मिलने की खबर आई थी. और अब एक बार फिर खुशशबरी है. दरअसल, सरकारी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने गुरुवार को बताया कि कंपनी को अरब सागर में स्थित मुंबई अपतटीय क्षेत्रों में तेल और गैस का भंडार मिला है. कंपनी ने कहा कि इन खोजों का विस्तृत मूल्यांकन जारी है.
कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ओएनजीसी ने एमबीएस171एचएए-1 (एमबीएस171एचएए-ए)-'अमृत' में ओएएलपी (ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी) ब्लॉक एमबी-ओएसएचपी-2017/1 में तेल और गैस की खोज की है. ओएनजीसी ने कहा, "मुंबई ऑफशोर में ओएएलपी एक्सप्लोरेशन ब्लॉक में एमबीएस182एचडीए-1 (एमबीएस182एचडीए-ए) में मूंगा नाम की एक और उल्लेखनीय खोज हुई है."
देश के लिए पॉजिटिव संकेत
यह एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि देश अपनी तेल और गैस की जरूरतों का 80% आयात करता है, और तेल की कीमतों में कोई भी बढ़ोतरी आयात बिल को बढ़ाती है. कच्चे तेल की कीमतें हाल ही में गिर रही हैं और वर्तमान में 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं. ओएनजीसी की अन्वेषण निदेशक सुषमा रावत ने कहा कि तेल भंडार की खोज से देश को तेल और गैस के आयात को कम करने में मदद मिलेगी.
रावत ने कहा कि ओएएलपी I और ओएएलपी III राउंड्स में जो महत्वपूर्ण खोजें हुई हैं, उनसे ओएनजीसी ने यह साबित किया है कि कंपनी भारत के हाइड्रोकार्बन संसाधनों की विशाल क्षमता को अनलॉक करने, देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह खोज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिससे घरेलू उत्पादन का विस्तार करने में मदद मिलेगा और आयातित तेल और गैस पर भारत की निर्भरता को कम किया जाएगा.
सालों से कंपनी कर रही है खोज
भारत की सबसे बड़ी सरकारी तेल और गैस उत्पादक कंपनी सालों से अधिक तेल और गैस संपत्तियों की खोज के तरीकों का अनुसरण कर रही है. बताया जा रहा है कि ओएनजीसी के अनछुए क्षेत्रों की खोज के अथक प्रयास से ये खोज निकली है. भूवैज्ञानिक डेटा का परिश्रमपूर्वक विश्लेषण करके और उन्नत तकनीकों को नियोजित करके, ओएनजीसी ने सफलतापूर्वक पर्याप्त तेल और गैस भंडार की पहचान की और फिर पुष्टि की.
मुंबई हाई फील्ड, जिसे पहले बॉम्बे हाई के नाम से जाना जाता था, ओएनजीसी की सबसे पुरानी खोजों में से एक थी, और 1974 में इसकी खोज की गई थी. अरब सागर में स्थित अपतटीय क्षेत्र, कच्चे तेल का उत्पादन करता है और 2000 के दशक की शुरुआत में चरम उत्पादन पर पहुंच गया था. कंपनी उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए अपने तटवर्ती क्षेत्रों में तकनीकी निवेश कर रही है.