पंजाब कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करने को मंजूरी दे दी है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था. कैबिनेट बैठक के बाद पुरानी पेंशन योजना के बारे में पूछे जाने पर मान ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "ओपीएस को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. पुरानी पेंशन योजना के तहत कई कर्मचारी लाभान्वित होंगे. अधिसूचना जारी कर दी गई है. इससे 1.75 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को सीधे लाभ होगा.''
क्या है पुरानी पेंशन योजना
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 50 फीसदी पेंशन होता था. यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी. इस राशि का भुगतान सरकार करती थी. इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था. इस पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता था. और इसमें 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती थी. केंद्र ने वित्तीय बोझ को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में बंद कर दिया था.
नेशनल पेंशन सिस्टम क्या है
एनडीए सरकार ने 2004 में कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली शुरू की थी, जिसे एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम कहा गया. नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए योगदान करना पड़ता है. इसके अलावा राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान देती है. पेंशन का पूरा पैसा पेंशन रेगुलेटर PFRDA के पास जमा होता है, जो इसे निवेश करता है. एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है. एनपीएस उन कर्मचारियों के लिए प्रभावी है जो 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में शामिल हुए हैं. पंजाब से पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने भी पुरानी पेंशन योजना को वापस लिया था और नई पेंशन योजना को खत्म कर दिया था. अब पंजाब सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से पेंशन की राह देख रहे बुजुर्गों को राहत मिलेगी.