Yamuna Authority: ग्रेटर नोएडा में बनेगी इंटरनेशनल ओलंपिक सिटी...अलग-अलग खेलों के लिए बनेंगे 29 स्टेडियम

ओलंपिक सिटी और ओलंपिक विलेज को यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-22 में विकसित किया जाएगा. इसको लेकर मास्टर प्लान तैयार किया गया है. इससे यहां पर दिल्ली की तर्ज पर कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया जा सकेगा

Noida Expressway
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

यूपी ने आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक महत्वाकांक्षी ओलंपिक पार्क की पहली रूपरेखा तैयार की है. दरअसल यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-22 में ओलंपिक सिटी और ओलंपिक विलेज बनाए जाने की बात चल रही है. 2036 में दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन की मेजबानी के लिए एक भारतीय शहर को तैयार किया जा रहा है. इसके लिए मास्टर प्लान-2041 में 442 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है. अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं वाली इस ओलंपिक सिटी में विभिन्न खेलों के लिए 29 स्टेडियम बनाए जाएंगे. 52 हेक्टेयर में ओलंपिक विलेज बनाया जाएगा जबकि 390 हेक्टेयर में ओलंपिक सिटी बसाई जाएगी. हालांकि अभी इस मास्टर प्लान पर यूपी सरकार की मुहर नहीं लगी है, मंजूरी मिलते ही आगे की कार्रवाई होगी.

खिलाड़ियों के रहने की भी व्यवस्था
यमुना अथॉरिटी की ओर से संशोधित मास्टर प्लान 2041 को तैयार कराया गया है. उसमें इन नए 55 गांवों की जमीन पर किए जाने वाले विकास का खाका भी तैयार किया गया है. यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि मास्टर 2041 में यीडा सिटी में ओलिंपिक सिटी स्थापित करने के प्रस्ताव को प्रमुखता से शामिल किया गया है. सीईओ ने कहा कि इसके अलावा 52.4 हेक्टेयर में ओलंपिक विलेज भी बसाया जाएगा. इस ओलिंपिक विलेज में 5 हजार फ्लैट तैयार किए जाएंगे, जिनमें 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके साइज के फ्लैट होंगे. गेम्स के दौरान जो भी खिलाड़ी, अधिकारी और अन्य लोग आएंगे उनके रहने की व्यवस्था इसी में की जाएगी. 

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ओलंपिक पार्क का डेवलेपमेंट प्लान खेलों की मेजबानी के लिए 2036 की समयसीमा के साथ मेल खाने की संभावना नहीं है लेकिन अगर भारत वास्तव में इसके लिए जाता है, लेकिन जब यह सुविधा आएगी तो यह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के बराबर होगी. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा, "इस पार्क की योजना इस विश्वास के साथ बनाई गई है कि अगर भारत को 2041 के बाद ओलंपिक या किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन की मेजबानी करने का मौका मिलता है तो यह मुख्य खेल क्षेत्र बन जाएगा." उन्होंने कहा, "जो चीज इसे दिल्ली के विश्व स्तरीय स्टेडियमों से अलग करेगी, वह 29 स्टेडियमों वाला स्पोर्ट्स क्लस्टर है."

क्या होंगी सुविधाएं
ओलंपिक सिटी को 390 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा. ओलंपिक मानको पर ही इन्हें बनाया जाएगा ताकि भविष्य में इनका उपयोग ओलंपिक गतिविधि खेलों के लिए किया जा सके. यहां पर हर खेल के लिए 29 स्टेडियम बनाए जाएंगे. इसमें स्पोर्ट्स क्लब, कोचिंग सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, थीम पार्क, मॉल प्लाजा, थीम पार्क आदि विकसित किए जाएंगे ताकि खिलाड़ियों को एक छत के नीचे सारी सुविधा मिले.

क्यों पड़ी जरूरत
दिल्ली में स्टेडियम तो हैं लेकिन ऐसी जगह नहीं है जहां पर एक जगह पर ही इन गतिविधियों को विकसित किया जा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए ओलंपिक सिटी और ओलंपिक विलेज का प्रावधान किया गया. यमुना प्राधिकरण ने ओलंपिक विलेज और ओलंपिक सिटी के लिए सेक्टर-22 को आरक्षित किया है. इस सेक्टर में 442 हेक्टेयर में दोनों परियोजनाओं को विकसित किया जाएगा. हालांकि YEIDA ने अभी तक निर्माण के तरीके को अंतिम रूप नहीं दिया है, अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल सुविधा को विकसित करने के लिए सबसे उपयुक्त है. यूपी सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में केंद्र में जेवर में हवाई अड्डे के साथ कई बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाई है, उनमें फिल्म सिटी और चिकित्सा उपकरण पार्क जैसे औद्योगिक विनिर्माण क्लस्टर शामिल हैं.
 

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