यूक्रेन में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. रूस लगातार यूक्रेन के शहरों को तबाह कर रहा है और इस बीच न सिर्फ यूक्रेन के नागरिक बल्कि पढ़ाई और जॉब के लिए रह रहे अन्य देशों के लोग भी फंसे हुए हैं. मंगलवार को ही हमले में एक भारतीय छात्र की मृत्यु की खबर मिली है.
इसलिए भारत सरकार के लिए यह बहुत जरुरी हो गया है कि जल्द से जल्द सभी भारतीय नागरिकों को देश वापस लाया जाए. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स सैकड़ों भारतीयों को सुरक्षित वापस लेकर आई हैं. लेकिन अब बिगड़ते हालातों को देख प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायु सेना (IAF) को इस अभियान से जोड़ने का फैसला किया है.
अब यूक्रेन में फंसे भारतीयों को हंगरी, पोलैंड और रोमानिया जैसे जैसे देशों की सीमा से भारत वापस लाने की जिम्मेदारी वायु सेना के जवानों को दी गई है.
रोमानिया के लिए रवाना हो चुका है IAF का एयरक्राफ्ट:
जैसे ही पीएम मोदी ने इस मिशन में वायु सेना की मदद मांगी तो अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं कि वायु सेना भारतीयों के रेस्क्यू के लिए सी-17 विमान (IAF C-17 aircraft) को तैनात कर सकती है. और हुआ भी यही है. बताया जा रहा है कि आज सुबह 4 बजे IAF का मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, C-17 ग्लोबमास्टर ने टेक ऑफ किया है.
वायुसेना का यह विमान रोमानिया पहुंचेगा और वहां से भारतीय छात्रों को वापस लेकर आयेगा. अपने लोगों को वापस लाने के साथ-साथ इस विमान के जरिए यूक्रेन के लिए मदद भी भेजी जा रही है, जो रूसी आक्रमण के बीच भोजन, ईंधन, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहा है.
पहले भी वायु सेना ने किए हैं रेस्क्यू ऑपरेशन:
वायु सेना के ऑपरेशन गंगा से जुड़ने से बहुत से देशवासियों को राहत मिली है. क्योंकि भारतीय वायुसेना पहले भी दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित देश वापस लेकर आई है. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दौरान भी वायु सेना बहुत से भारतीयों को वापस लेकर आई थी.
कोरोना काल में भी ऑक्सीजन से लेकर मेडिकल संसाधनों का इंतजाम वायुसेना के विमानों के जरिए किया गया था. इसी कड़ी में अब पीएम मोदी ने यूक्रेन मिशन में भी वायु सेना की मदद मांगी है. भारतीय वायु सेना का यह विमान एक साथ बहुत से भारतीयों को वापस ला सकता है. उम्मीद है कि यूक्रेन में फंसे अन्य भारतीय अब जल्द ही अपने वतन लौटेंगे.