Dengue के बढ़ते खतरे के बीच सरकार ने बिना परामर्श के इन दवाइयों की बिक्री पर लगाई रोक...जानिए अब तक कितने आ चुके केस और क्या कुछ रखें सावधानियां

डेंगू और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एस्पिरिन (aspirin),इबुप्रोफेन (ibuprofen)और डाइक्लोफेनाक (diclofenac)सहित नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (एनएसएआईडी) की ओवर-द-काउंटर बिक्री से बचने का निर्देश दिया है.

Anti Inflammatory Drug
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने दिल्ली के केमिस्ट एसोसिएशनों को पत्र लिखकर एस्पिरिन (aspirin),इबुप्रोफेन (ibuprofen)और डाइक्लोफेनाक (diclofenac)सहित नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (एनएसएआईडी) की ओवर-द-काउंटर बिक्री से बचने का निर्देश दिया है. फार्मेसियां इन दवाओं को केवल अब तभी दे पाएंगी जब कोई रजिस्टर्ड डॉक्टर उसे प्रेस्क्राइब करेगा.

यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है. ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी के प्रमुख केआर चावला ने अपने पत्र में कहा, “उन्हें (केमिस्ट को) इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाली दर्द निवारक दवाओं के स्टॉक का रिकॉर्ड रखने की भी सलाह दी जाती है. यदि खुदरा दवा विक्रेता इस सलाह का उल्लंघन करते पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”

बारिश में बढ़ जाते हैं डेंगू के मामले
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह सलाह इसलिए जारी की गई क्योंकि अनसुपरवाइज्ड एनएसएआईडी (NSAIDs)का उपयोग मानव रक्त में प्लेटलेट्स को नष्ट करने के लिए जाना जाता है. डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से संक्रमित रोगियों के लिए ऐसी दवाओं का ओवर-द-काउंटर उपयोग हानिकारक हो सकता है. पत्र में चावला ने कहा कि आने वाले हफ्तों में मानसून की बारिश के कारण वेक्टर जनित बीमारियों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. हाल ही में राजधानी के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से भी इन क्षेत्रों में संक्रमण की संभावना बढ़ने की संभावना है. शहर में केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि यह साल के इस समय के आसपास दिल्ली सरकार द्वारा किया जाने वाला एक नियमित अभ्यास था जब बारिश वेक्टर जनित बीमारियों के बढ़ते मामलों का खतरा लाती है.

ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के अध्यक्ष संदीप नांगिया ने कहा,“हमें हर साल कुछ बार ऐसे निर्देश मिलते हैं, खासकर मानसून के समय में. अक्सर ऐसा होता है कि जब एक परिवार के कई सदस्य बीमार पड़ जाते हैं, तो हर कोई उस दवा पर निर्भर रहता है जो एक सदस्य को दी गई थी और काउंटर से दवा खरीदते रहते हैं. कई बार ऐसा भी होता है जब लोग डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते और अपने स्थानीय दवा विक्रेताओं से दवाएं मांगते हैं. जब ऐसी चेतावनियां जारी की जाती हैं, तो हम अपने सदस्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहते हैं कि ऐसी कोई बिक्री न हो क्योंकि उल्लंघन से लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. ”

क्यों दी जाती हैं
स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन दवाओं का अनियंत्रित उपयोग वेक्टर-जनित बीमारियों (vector-borne illness) से प्रभावित रोगियों के लिए घातक हो सकता है. ये दवाएं, आमतौर पर दर्द और सूजन को प्रबंधित करने के लिए उपयोग की जाती हैं, लेकिन इनकी वजह से ह्यूमन ब्लड में प्लेटलेट कम हो जाते हैं. इन दवाओं का नियंत्रित उपयोग जरूरी है क्योंकि डेंगू और चिकनगुनिया के कारण बुखार के साथ-साथ शरीर में भी काफी दर्द होता है. इसलिए, ऐसी दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.ऐसी दर्द निवारक दवाओं से बचना चाहिए, लेकिन यदि बहुत आवश्यक हो, तो केवल एक योग्य चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक में ही इसका उपयोग करना चाहिए. यह प्रतिबंध क्षेत्र में डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर लगाया गया है, जिन्हें मच्छर जनित रोग कहा जाता है.

बिना परामर्श के लेना होता है खतरनाक
प्लेटलेट्स रक्त के थक्के जमने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उनकी कमी गंभीर ब्लीडिंग और जटिलताओं का कारण बन सकती है. खासकर डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों से प्रभावित रोगियों में. जब इन दवाओं का उपयोग उचित चिकित्सकीय देखरेख के बिना किया जाता है, तो प्रतिकूल परिणामों का खतरा काफी बढ़ जाता है. इस प्रकार, जनता के लिए इस प्रतिबंध के बारे में जागरूक होना और इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है.

इस साल अब तक 163 केस
अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने के मामले बढ़ने लगे हैं. इस साल 18 जुलाई तक एमसीडी के अस्पतालों में डेंगू के 103 मामले सामने आ चुके है.। पिछले सप्ताह में दिल्ली में डेंगू के 27 मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही डेंगू के कुल मामले 163 हो गए हैं. शहर में पिछले साल डेंगू के 158 केस सामने आए थे. साल 2021 में डेंगू के 40 और साल 2020 में डेंगू के 28 मामले थे. डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए एमसीडी ने बाढ़ प्रभावित और निचले इलाकों में फॉगिंग को तेज कर दिया है.

इस तरह करें बचाव
यदि आपको बुखार हो तो पहले 48 घंटे के भीतर डेंगू की जांच कराएं. पेनकिलर का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें. अधिक से अधिक पानी पीएं. शरीर को अच्छी तरह से ढंक कर रखें और पजामा और पूरी बाजू के कपड़ा पहनें.

 

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