73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर गुजरात के जाने माने आध्यात्मिक संत स्वामी सच्चिदानंद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया. गुजरात से आठ विभूतियों को पद्मभूषण और पद्मश्री के लिए चुना गया है. इनमें मेडिसिन के क्षेत्र डॉ लता देसाई, सामाजिक कार्य के लिए हीरा व्यापारी सवजीभाई ढोलकिया, आदिवासी इलाके से रमीलाबेन गामित, पब्लिक अफेयर के क्षेत्र में मालजीभाई देसाई, साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र के लिए खलील धनतेजवी को सम्मानित किया जाएगा.
89 वर्ष के स्वामी सच्चिदानंद को गुजरात से पद्मभूषण के लिए चुना गया है. स्वामी सच्चिदानंद को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा. आणंद जिले के पेटलाद के ग्राम दंताली में स्वामी सच्चिदानंद का आश्रम है. स्वामी सच्चिदानंद ने वाराणसी संस्कृत विश्वविधायल से डिग्री हासिल की है. उनके लिखे पुस्तकों में भारतीय संस्कृति और आध्यामिकता की झलक दिखती हैं. जिसमें प्रेरक प्रसंगों, भारतीय दर्शन, संसार रामायण, वेदान्त समीक्षा सामिल हैं. स्वामी सच्चिदानंद को नर्मद सुवर्ण चंद्रक से भी सम्मानित किया गया है.
दिवाली पर गिफ्ट के लिए मशहूर हीरा कारोबारी
सवजीभाई ढोलकिया सूरत के हीरा कारोबारी हैं जिन्हें अपने कर्मचारियों को दिवाली में बतौर गिफ्ट कार, फ्लैट, स्कूटर जैसे उपहार देने के लिए भी जाना जाता है लेकिन सवजीभाई जिस तरह हीरा कारोबारी के तौर पर मशहूर हैं, उतने ही वो अपनी समाज सेवा के लिए भी जाने जाते हैं. सौराष्ट्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने पानी रिजर्व के लिए कई काम किए हैं. वहां के गांवों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी काई काम किए हैं. यहां तक की सौराष्ट्र के गांवों के विकास के लिए भी उन्हें जाना जाता हैं.
डॉ. जे. एम. व्यास को साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है. गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSLU) के कुलपति डॉ. जे. एम. व्यास फोरेंसिक जांच के लिए ना सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी जाने जाते हैं. उन्होंने गुजरात फोरेंसिक युनिवर्सिटी को नेशनल फोरेंसिक युनिवर्सिटी बनाने में अहम भूमिका अदा की है. उनके मार्गदर्शन में कई बड़े अपराधों को तकनीक की मदद से सुलझाया गया है.