India Today Conclave 2025 के दूसरे दिन चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शिरकत की. उन्होंने इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल और मैनेजिंग एडिटर गौरव सावंत के साथ बातचीत की. बातचीत के दौरान उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत को इस बात को कबूल लेना चाहिए कि पाकिस्तान और चीन दोनों मिले हुए हैं. बता दें कि भारत के दोनों ही देशों के साथ रिश्ते बहुत ज्यादा खास नहीं है.
उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि दोनों देशों के बड़े बड़े पैमाने पर मिलीभगत है, जिसे हमे मान लेना चाहिए. यह मिलीभगत आभासी दुनिया में 100 फीसद है, तो वहीं पाक के पास मौजूद मिलिट्री उपकरण चीन के ही हैं. यानी वर्चुअल और फिजिकल फ्रंट पर हमारे लिए खतरा मौजूद है.
कैसा है LoC का हाल?
बातचीत के दौरान लाइन ऑफ कंट्रोल के पास पाक पॉजिशन पर भी सवाल किए गए. साथ ही गर्मियों के आते ही यहां बढ़ने वाली घुसपैठ पर उपेंद्र द्विवेदी से पूछा गया. सीमा पार घुसपैठ को लेकर पूछा गया कि क्या किसी प्रकार की कमी के संकेत मिले हैं? क्या किसी भी चीज़ को देख कर हम मान लें कि कमी आई है. इसपर केवल एक ही जवाब मिला कि 'नहीं'. बल्कि यह बताया गया कि आतंकी हलचल के लिए हमें तैयार रहना चाहिए.
सेना के प्रयासों से पर्यटन में आई वृद्धि
भारतीय सेना ने आतंकवाद का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. 2018 से आतंकवादी घटनाओं की संख्या में 83 प्रतिशत की कमी आई है. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि घाटी में भर्ती में भारी गिरावट आई है, केवल 45 व्यक्ति ही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुए हैं. साथ ही इसी दौरान पर्यटन में वृद्धि देखी गई है. जिसमें पांच लाख से अधिक लोग अमरनाथ यात्रा में भाग ले रहे हैं.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना के प्रयासों ने इलाके का ध्यान आतंकवाद से पर्यटन की ओर सफलतापूर्वक शिफ्ट कर दिया है. हालांकि, उन्होंने बताया कि इतना सबकुछ करने के बाद भी, पिछले साल मारे गए आतंकवादियों में से अधिकांश, लगभग 60 प्रतिशत, पाकिस्तानी मूल के थे. जो पड़ोसी देश से भारत के सामने जारी बाहरी खतरे को रेखांकित करता है.
AFSPA पर क्या बोले द्विवेदी
जनरल का कहना है कि इस एक्ट को जम्मू कश्मीर से हटाना संभव है. लेकिन इस समय जो परिस्थियां वहां मौजूद हैं उनको देखते हुए इसे नहीं हटाना चाहिए. हालांकि जब ऐसी स्थितियां बन जाएंगी कि वहां कि पुलिस वहां के मामलों को संभाल सके, तो इसे बेशक हटाया जा सकता है.
China पर क्या बोले जनरल
2020 में चीन के साथ झड़प के बाद डेपसांग और डेमचौक पर चीन के रवैये पर भी जनरल ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि अब जवानों के बीच आपसी समझ काफी हद तक बढ़ चुकी है. उन्होंने कहा कि पैट्रोलिंग के राउंड होने के बाद घास चरने के लिए इलाकों को खोल दिया गया.
एक देश के पास कितना मिलिट्री उपकरण होना जरूरी
जनरल की इसपर एक अपनी राय है. वह कहते हैं कि यह मायने नहीं रखता कि आपके पास कितना गोला-बारूद है. वह जंग के समय कभी पर्याप्त नहीं पड़ता. एक जंग के बाद किसी भी देश के पास उसके गोले-बारूद का 25-30 प्रतिशत हिस्सा बचा रहना चाहिए. इसमें मिलिट्री रिसोर्स भी शामिल हैं. साथ ही वह आत्मनिर्भर और घरेलू लेवल पर प्रोडक्शन की बात करते हैं.
क्या कहना है अग्निवीर योजना पर
उन्होंने इस योजना की तारीफ की. साथ ही कहा कि वह इस योजना से ज्यादा से ज्यादा सीखना चाहते हैं. उन्होंने कहा जितना वह अग्निवीरों के लिए कर सकते हैं. वह कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर अभी थोड़ा और विचार करने की जरूरत है.