Pakistani Hindus Asthis: पाकिस्तान से क्यों भारत आईं 400 हिंदुओं की अस्थियां? 8 वर्षों से श्मशान में रखी थीं, अब हरिद्वार में गंगा में होगा विसर्जन

Pakistani Hindu Ashes: पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के अधिकतर लोग चाहते हैं कि उनके परिजनों की अस्थियां भारत में गंगा नदी में विसर्जित हों ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके. इसके लिए वे अस्थियां कलश में एकत्रित करते हैं. जब पर्याप्त संख्या में अस्थि कलश एकत्र हो जाते हैं तो भारत का वीजा लेने का प्रयास किया जाता है.

Pakistani Hindus Asthis
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST
  • पाकिस्तान से लाई गईं अस्थियों को 22 फरवरी को किया जाएगा विसर्जन
  • साल 2011 और 2016 में भी पाकिस्तान से अस्थि कलश लाए गए थे हरिद्वार 

पाकिस्तान से 400 हिंदुओं की अस्थियां भारत आईं हैं. इन अस्थियों को हरिद्वार स्थित गंगा में विसर्जन किया जाएगा. 22 फरवरी को सीता घाट पर अस्थियों के विसर्जन के दौरान 100 किलो दूध की आहुति भी दी जाएगी. पाकिस्तान स्थित कराची के पुराने गोलिमार क्षेत्र के श्मशान घाट में 8 वर्षों से ये अस्थियां कलशों में रखी गईं थीं.

इससे पहले भी लाई जा चुकी हैं अस्थियां
 कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत राम नाथ मिश्र महाराज ने बताया कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के अधिकतर लोग चाहते हैं कि उनके परिजनों की अस्थियां भारत में गंगा में विसर्जित हों. इसके लिए वे अस्थियां कलश में एकत्रित करते हैं. इनको मंदिरों और श्मशान घाटों में रखा जाता है. जब पर्याप्त संख्या में अस्थि कलश एकत्र हो जाते हैं तो भारत का वीजा लेने का प्रयास किया जाता है. 

भारत सरकार से वीजा मिलने के बाद अस्थियां को लेकर भारत आते हैं और उन्हें गंगा में विसर्जित करते हैं. राम नाथ मिश्र महाराज ने बताया कि इस बार 400 कलश लेकर आए हैं. ये अस्थियां पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित की गई हैं. ये अस्थियां दिल्ली के निगम बोध घाट पर 21 फरवरी तक रखी जाएंगी. इसके बाद 22 फरवरी को विसर्जन किया जाएगा. इससे पहले भी पाकिस्तान से अस्थियां भारत लाई जा चुकी हैं. साल 2011 में 135 और 2016 में 160 अस्थि कलश हरिद्वार लाए गए थे. 

भारत सरकार ने दिया है इतने दिनों का वीजा
महाकुंभ योग में भारत सरकार ने पाकिस्तान के हिंदू परिवारों को 10 दिनों का वीजा दिया है, ताकि वे गंगा में अस्थियां प्रवाहित कर सकें. मौजूदा नियम के तहत भारत सिर्फ उन्हीं परिवारों को अस्थि विसर्जन के लिए वीजा देता आया है, जिसका भारत में कोई रिश्तेदार रहता हो. हालांकि अब पाकिस्तान के हिंदुओं के लिए नियमों को बदला जा रहा है. 

पाकिस्तान में हिंदू समर्थक समूहों और विशेषज्ञों ने वीजा देने के भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. दिल्ली की श्री देवोथान सेवा समिति के महासचिव विजय शर्मा और अन्य लोग अटारी बॉर्डर पर 3 फरवरी 2025 को अस्थियां लेने पहुंचे थे. विजय शर्मा ने केंद्र सरकार से अपील की कि उन हिंदुओं को वीजा जारी करे, जो अपने परिजनों का अंतिम संस्कार हरिद्वार में करना चाहते हैं. अपने परिजनों का अस्थियां लेकर भारत आए पाकिस्तानी हिंदुओं ने कहा कि यदि वीजा नहीं मिलता तो मजबूरी में उन्हें इन अस्थियों को सिंधु नदी में विसर्जन करना पड़ता लेकिन अब वे इन्हें गंगा में विसर्जित कर सकते हैं. 

पाकिस्तान में रहते हैं इतने लाख हिंदू 
पाकिस्तान के राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में पाक में 22 लाख से अधिक हिंदू रहते हैं. यह पाकिस्तान की कुल आबादी का लगभग 1.18 प्रतिशत है. 95 प्रतिशत हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं. इसी के कारण जो अस्थियां लाई गईं हैं, उनमें अधिकांश सिंध की हैं. 

 

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