काशी विश्वनाथ धाम की परिक्रमा होगी अब और भी आसान, मंदिरों और स्थलों की मरम्मत के साथ यात्री सुविधाएं होंगी विकसित

इस योजना के तहत पूरे परिक्रमा मार्ग का कायाकल्प किया जाएगा. मार्ग में पड़ने वाले 108 मुख्य मंदिरों और कुंडों और जलाशयों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. सबसे खास बात ये है कि यात्रा मार्ग में 40 से ज्यादा यात्री निवास और धर्मशाला हैं उनको भी सुविधाओं की दृष्टि से रेनोवेट किया जाएगा.

काशी विश्वनाथ धाम
शिल्पी सेन
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST
  • काशी विश्वनाथ धाम की परिक्रमा होगी आसान
  • मंदिरों और स्थलों की मरम्मत के साथ यात्री सुविधाओं को विकसित करेगी यूपी सरकार
  • राम ने भी ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति के लिए की थी काशी की पंचकोसी परिक्रमा, पांडवों ने भी अज्ञातवास में की थी परिक्रमा

काशी विश्वनाथ धाम जल्दी ही अपने नए रंग रूप में सामने आने वाला है. 13 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी काशी कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. इसके बनने से काशी और आस पास के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का पुनर्निर्माण करने की तैयारी भी शुरू हो गयी है. विश्वनाथ पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है.

काशी कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही पूरे परिक्रमा मार्ग को व्यवस्थित करने और नए रूप में लाने की तैयारी भी शुरू हो गयी है. इस योजना की एक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार की जा चुकी है., जिसपर मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा. 

पूरे परिक्रमा मार्ग का किया जाएगा कायाकल्प 

आपको बता दें, इस योजना के तहत पूरे परिक्रमा मार्ग का कायाकल्प किया जाएगा. मार्ग में पड़ने वाले 108 मुख्य मंदिरों और कुंडों और जलाशयों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. सबसे खास बात ये है कि यात्रा मार्ग में 40 से ज्यादा यात्री निवास और धर्मशाला हैं उनको भी सुविधाओं की दृष्टि से रेनोवेट किया जाएगा. 

परिक्रमा मार्ग के लिए जो योजना बनायी गयी है उसके तहत जो मंदिर पुराने हैं उनके पौराणिक गौरव को भी सामने लाने की कोशिश की जाएगी. साथ ही यहां और सुविधाएं विकसित करने की भी योजना बनायी गयी है जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी और स्थानीय पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. दरअसल ये पूरी योजना इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है.

काशी विश्वनाथ धाम

इससे पहले भी प्रदेश में की जा चुकी है ऐसी योजना शुरू 

आपको बताते चलें कि योगी सरकार ने इससे पहले अयोध्या में इस तरह का कार्य शुरू किया है. जिसमें मंदिर निर्माण के साथ पूरे शहर को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने पर काम शुरू किया गया था. जिसमें परिक्रमा मार्ग के अलावा पर्यटकों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और रोजगार के अवसर देने की योजना पर काम चल रहा है.

क्या है पंचकोसी परिक्रमा की मान्यता?

दरअसल, बाबा विश्वनाथ के मंदिर का पंचकोशी (पंचकोसी) परिक्रमा मार्ग 70 किलोमीटर लंबा है. इस दूरी को पूरा करने में आम तौर पर पांच दिन का समय लगता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति के लिए राम ने भी पंचकोसी परिक्रमा की थी. पांडवों ने भी अज्ञातवास में इसी की परिक्रमा की थी. आम तौर पर काशी में पंचकोसी परिक्रमा एक दिन, 3 दिन और 5 दिन की होती है. 5 दिन की परिक्रमा में हर दिन एक पड़ाव पार कर रात्रि विश्राम होता है. 

काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी के अनुसार कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पंच पांडव और कपिलधारा, पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है. इसके अलावा इस धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थल हैं. पंचकोसी परिक्रमा की खास बात यह है कि इस यात्रा में सभी धार्मिक स्थल दाहिने तरफ स्थित हैं. 

यात्री सुविधाओं के विकास के साथ स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार 

आपको बताते चलें, सरकार ने पंचकोशी मार्ग पर कई तरह के आयोजनों को करने की योजना बना रही है, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और नए व्यवसाय के अवसर प्राप्त हो सकेंगे. इसके साथ, वेलनेस सेंटर, रिसोर्ट, होटल  के अलावा पर्यटन सम्बंधित व्यवसाय को भी गति मिलेगी. परिक्रमा पथ में पड़ने वाले कुंडों को भी सजाया संवारा जाएगा. 

इस परिक्रमा मार्ग पर कई कुंड ऐसे हैं जिनका ऐतिहासिक महत्व है. कुछ ऐसे स्थान हैं जहां धार्मिक आयोजन और कथाएं होती हैं, उनको लैंडस्केपिंग के माध्यम से खूबसूरत बनाया जाएगा. प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी कहते हैं, “पंच कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले धार्मिक स्थलों के बारे में पूरी जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसी जगहों पर लिखी जाएगी जिससे देसी विदेशी पर्यटक और पहली बार परिक्रमा करने वाले भी इन स्थलों के बारे में जान सकें.” 

जानकारी के अनुसार, योगी सरकार तीन चरणों में इसका विकास कार्य करेगी. पहला चरण 9.92 करोड़ रुपये का होगा, दूसरे चरण में 23.86 करोड़ रुपये और तीसरा चरण 22.15 करोड़ में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.


 

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