संसद (Parliament) का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) बस कुछ दिनों में शुरू होने वाला है. इस बार यह सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद में विपक्षी सांसदों की संख्या बढ़ गई है.
उधर, मोदी सरकार भी विपक्ष के हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार है. आइए जानते हैं क्या होता है मॉनसून सत्र, किन-किन नए विधेयकों को सरकार लाएगी और विपक्ष किन-किन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.
क्या होता है मॉनसून सत्र
हमारी संसद के तीन प्रमुख सत्र होते हैं. बजट सत्र, मॉनसून सत्र और शीतकालीन सत्र. जुलाई से सितंबर के बीच होने वाले मॉनसून सत्र के समय देश में मॉनसूनी बारिश हो रही होती है इसीलिए इसे मॉनसून सेशन कहा जाता है. मॉनसून के सीजन का सत्र आमतौर पर सबसे छोटा होता है.
कौन लेता है संसद सत्र को लेकर फैसला
संसद का जब भी कोई सत्र शुरू किया जाता है तो उससे पहले कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स इसके लिए एक कैलेंडर तैयार करती है. इस कैलेंडर को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. सांसदों को सत्र की सूचना एक समन के जरिए राष्ट्रपति की ओर से भेजी जाती है. राष्ट्रपति आर्टिकल 85 के तहत संसद सत्र को लेकर फैसला लेते हैं. संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चलती है. इसमें एक बजे से दो बजे तक का समय लंच का होता है. शनिवार और रविवार को कार्यवाही नहीं होती है.
इसके अलावा सत्र के दौरान कोई त्योहार या अन्य जयंती हो तो उसका भी अवकाश हो सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक संसद की कार्यवाही पर हर मिनट करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं. ऐसे में इसे हर घंटे से हिसाब से देखे तो यह रकम 1.5 करोड़ रुपए होती है. यह खर्चा सांसदों को मिलने वाले वेतन, भत्ते, संसद सचिवालय पर आने वाले खर्च, सचिवालय के कर्मचारियों के वेतन और सांसदों की सुविधाओं पर खर्च होता है. ऐसे में जब हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही स्थगित होती है तो आम जनता को टैक्स के रूप में लाखों का नुकसान होता है.
इस बार कब से शुरू होगा मॉनसून सत्र
मॉनसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और यह 12 अगस्त 2024 तक चलेगा. इसी दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को केंद्रीय बजट (Budget) पेश करेंगी. मॉनसून सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की लिस्ट लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी संसद बुलेटिन में प्रकाशित की गई है. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सरकार कुल 6 नए विधेयक यानी बिल लाने जा रही है.
इतने विधेयक किए हैं सूचीबद्ध
केंद्र सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान पेश किए जाने और पारित किए जाने के लिए 6 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं. लिस्टेड विधेयकों में वित्त विधेयक के अलावा भारतीय वायुयान विधेयक 2024, फाइनेंस बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट बिल, बॉयलर्स बिल, कॉफी प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल और रबर प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल शामिल है. मॉनसून सत्र में डिमांड फॉर ग्रांट्स पर चर्चा और मतदान होगा. इसके अलावा एप्रोप्रिएशन बिल पारित होगा. जम्मू कश्मीर के बजट पर भी चर्चा होगी और बजट पास होगा.
संसदीय एजेंडा तय करने वाली समिति गठित
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने संसदीय एजेंडा तय करने वाली कार्य मंत्रणा समिति (BSC) गठन कर दिया है. इस समिति की अध्यक्षता ओम बिरला स्वयं करेंगे. समिति में निशिकांत दुबे (भाजपा), भर्तृहरि महताब (बीजेपी), पीपी चौधरी (BJP), संजय जयसवाल (बीजेपी), बैजयंत पांडा (भाजपा), अनुराग ठाकुर (बीजेपी), सुदीप बंद्योपाध्याय (TMC), लावु श्रीकृष्ण देवरायलु (TDP), गौरव गोगोई (Congress), के सुरेश (कांग्रेस), दिलेश्वर कामत (JDU), दयानिधि मारन (DMK), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी) और लालजी वर्मा (SP) सदस्य हैं.
इन मुद्दों पर घेरने की तैयारी में विपक्ष
संसद के मॉनसून सत्र में सरकार को घरने के लिए विपक्षी पार्टियों ने पूरी तैयारी कर रखी है. कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में सरकार के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार किया है. इसके केंद्र में नौजवान, किसान-मजदूर, जवान और गरीब हैं. बेरोजगारी, नीट पेपर लीक का मुद्दा तो विपक्ष उठाएगा ही. इसके साथ ही अग्निवीर योजना को बंद करने और जम्मू-कश्मीर में हाल में बढ़े आतंकी हमलों और जवानों की शहादत पर सरकार को विपक्ष घेरेगा.
समाजवादी पार्टी समेत अन्य दल कांवड़ यात्रा के रूट में पड़ने वाले दुकानों पर मालिक का नाम लिखने के योगी सरकार के फैसले को सदन में उठा सकते हैं. विपक्षी दल इस बार भी संविधान की रक्षा और आरक्षण के मुद्दे के सहारे बीजेपी सरकार से दो-दो हाथ कर सकते हैं. मणिपुर, त्रिपुरा की हिंसा और चीनी अतिक्रमण के मामले को उठाकर सरकार को राष्ट्रवाद के मसले पर बैकफुट पर भी लाने की कोशिश करेगी. उधर, सरकार भी आंकड़ों के साथ पलटवार करने की पूरी तैयारी में है.