Parliament Session: 18 सितंबर से शुरू होगा संसद का विशेष सत्र, मोदी सरकार ने जारी किया एजेंडा, लोकसभा में ये अहम विधेयक होंगे पेश

Modi Government ने विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस संबंध में आमंत्रण नेताओं को ई-मेल से भेज दिया गया है. विपक्ष विशेष सत्र में भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. 

19 सितंबर से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:36 AM IST
  • 18 से 22 सितंबर 2023 तक चलेगा विशेष सत्र
  • विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा 

मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर 2023 तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र का एजेंडा जारी कर दिया है. बुधवार को लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, पहले दिन 18 सितंबर को संसद के अबतक के सफर पर चर्चा होगी. इसमें संविधान सभा से लेकर अबतक की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, यादों और मिली सीख पर चर्चा होगी. सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा.

ये बिल किए जाएंगे पेश
संसद के विशेष सत्र के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े बिल को भी पेश किया जाएगा. इस बिल में सीईसी और इलेक्शन कमिश्नरों की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को बाहर रखा गया है. इस बिल को 3 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था. इसके अलावा विशेष सत्र में 3 और बिल पेश किए जाएंगे.

इनपर भी होगी चर्चा
संसद के विशेष सत्र के दौरान पोस्ट ऑफिस बिल 2023, द ऐडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल 2023, प्रेस ऐंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियाडिकल्स बिल 2023, चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स (अपॉइंटमेंट, कंडिशंस ऑफ सर्विस ऐंड टर्म ऑफ ऑफिस) बिल पर चर्चा होगी. द ऐडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल और प्रेस ऐंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियाडिकल्स बिल राज्यसभा से पहले ही पास हो चुके हैं. 

विशेष सत्र में इन दोनों बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा. इसी तरह चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स (अपॉइंटमेंट, कंडिशंस ऑफ सर्विस ऐंड टर्म ऑफ ऑफिस) बिल और पोस्ट ऑफिस बिल मॉनसून सत्र के दौरान 10 अगस्त को राज्यसभा में पेश किए गए थे. इन दोनों बिल को लोकसभा में भी पेश किया जाएगा. सरकार इन चारों विधेयकों को संसद से पारित कराने की कोशिश करेगी. सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा. 

सर्वदलीय बैठक 17 सितंबर को
विशेष सत्र से पहले सरकार ने 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया साइट एक्स के जरिए बताया कि इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है. इस संबंध में आमंत्रण नेताओं को ई-मेल से भेज दिया गया है. पत्र भी भेजे जाएंगे.

19 सितंबर से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के मुताबिक, 17वीं लोकसभा का 13वां संसद सत्र सोमवार 18 सितंबर 2023 को शुरू होगा। वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि राज्यसभा का 261वां सत्र भी सोमवार 18 सितंबर से ही शुरू होगा. संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही 18 सितंबर को पुराने भवन में ही शुरू होगी. वहीं, 19 सितंबर से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही होगी. 19 सितंबर को नए संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत से पहले एक विशेष पूजा भी होगी. नए संसद भवन का उद्घाटन इसी साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

विपक्ष भी कर चुका अपने एजेंडे की घोषणा
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही विपक्ष भी विशेष सत्र के लिए अपने एजेंडे की घोषणा कर चुका है. सोनिया गांधी की ओर से जारी पत्र में 9 बिंदुओं का जिक्र किया गया है. इनमें अदाणी मामले में जेपीसी की मांग भी शामिल है. इसके अलावा भी कई मामलों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. लिहाजा विशेष सत्र में भी हंगामा होने के आसार बनते दिख रहे हैं.

पर्दे के पीछे कुछ और है: कांग्रेस
संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि ये तो खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली बात हुई. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पर्द के पीछे कुछ और है. रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'आखिरकार सोनिया गांधी जी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के दबाव के बाद मोदी सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने की कृपा की है'. 

उन्होंने कहा कि फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, उसमें कुछ भी नहीं है और इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था. रमेश ने कहा, मुझे यकीन है कि विधायी 'हथगोले' हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं. परदे के पीछे कुछ और है! उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद, इंडिया के घटक दल सीईसी विधेयक का डटकर विरोध करेंगे.

एजेंडे पर साधा निशाना
कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सरकार के विशेष सत्र के एजेंडे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 2021 में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया. आज की घोषणा हमें बताती है कि संसद के विशेष सत्र में इसी कारण से चर्चा होगी. क्या सरकार विचारों से इतनी विहीन है कि वह 3 साल में एक ही अवसर दो बार मना रही है? या यह ध्यान भटकाने वाली एक और रणनीति है?

 

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