वैसे तो हर साल दिल्ली में लगने वाला इंटरनेशनल ट्रेड फेयर अपने आप में बेहद खास होता है लेकिन इस बार इस इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में कई चीजें ऐसी हैं जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. इनमें से एक है खादी इंडिया. दरअसल, खादी भारतीयता की पहचान है जिसने न केवल हमारे दिलों पर राज किया बल्कि एक क्रांति लाने में भी मदद की. वैसे देखा जाए तो खादी ने भारत की सांस्कृतिक विविधता, जीन बुनाई और पारंपरिक शिल्प को एक छत के नीचे लाकर रख दिया है और इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में खादी का पवेलियन इसी बात का परिचायक है.
200 से भी अधिक स्टॉल लगाए गए हैं
इस बार इंटरनेशनल ट्रेड फेयर वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल के तर्ज पर आधारित है. खादी इंडिया मंडमप सही मायने में वोकल पर लोकल और लोकल टू ग्लोबल के टीम को प्रासंगिक करता हुआ दिखाई देता है. इस पवेलियन का उद्घाटन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री एमएसएमई नारायण राने द्वारा किया गया.
इस खादी इंडिया मंडपम में देश भर से चयनित खादी संस्थाओं और पीएमजीपी योजना के अंतर्गत उद्यमों के माध्यम से खादी कारीगरों की विशाल भागीदारी के लिए 200 से भी अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. सभी कलाकार बेहतरीन दस्तकारी से निर्मित खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को प्रदर्शित करते हैं. ट्रेड फेयर में ऐसा पहली बार हुआ है कि पूरे देश के सभी राज्यों ने अपनी भागीदारी इसमें दिखाई है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर आज आसाम तक सभी राज्यों ने अपनी भागीदारी दिखाई है.
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना
चरखा कताई गतिविधि, मिट्टी के बर्तन व अन्य सामान निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, इत्यादि आदि का जीवंत-प्रदर्शन खादी इंडिया मण्डप में किया जा रहा है, ताकि युवाओं को स्वरोजगार गतिविधियों को अपनाने के लिए शिक्षित और प्रेरित किया जा सके. इसके साथ युवा 'नौकरी खोजने के बजाय नौकरी प्रदाता' बन सकें. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत विनिर्माण/ सेवा इकाइयों की स्थापना के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक विशेष ‘सुविधा डेस्क’ भी स्थापित की गई है.
अलग अलग जगहों के खादी वस्त्र मिलेंगे
खादी इंडिया मण्डप में प्रीमियम खादी वस्त्रों की एक श्रृंखला जैसे; पश्चिम बंगाल का मलमल, जम्मू-कश्मीर की पश्मीना, गुजरात का पटोला रेशम, बनारसी रेशम, भागलपुरी रेशम, पंजाब की फुलकारी, आंध्र प्रदेश की कलमकारी, पांडुरू में निर्मित खादी और कई अन्य प्रकार के सूती, रेशमी और ऊनी उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं. खादी कारीगरों द्वारा ग्रामीण वातावरण में उत्पादित ग्रामोद्योगी उत्पादों की भी विस्तृत श्रृंखला आगंतुकों को इस मण्डप में आकर्षित कर रही है.
इस दौरान खादी और ग्रामोद्योग आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि खादी इंडिया मंडप में प्रदर्शित ‘नए भारत की नई खादी’ के उत्पाद पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में "स्वदेशी" और "आत्मनिर्भरता" की दिशा में भारत की प्रगति का प्रतीक हैं. आईआईटीएफ में प्रदर्शित खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की विशाल विविधता भारत के घरेलू विनिर्माण क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का संकेत देती है.