बदल रही है तस्वीर, नक्सली क्षेत्रों में उगाई जा रही स्ट्रॉबेरी की फसल

किसान बताते हैं कि पहले उन क्षेत्रों में नक्सलियों के आतंक के कारण खेती बड़े पैमाने पर नहीं हो पाती थी, क्योंकि डर के माहौल में कोई भी कार्य ठीक से होना मुश्किल था. लेकिन अब परिस्थितियां बदली है और वह दोबारा जी तोड़ मेहनत कर खेती कर रहे हैं.

नक्सली क्षेत्रों में उगाई जा रही स्ट्रॉबेरी की फसल
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:14 AM IST
  • क्षेत्र में कम हो रहा नक्सलियों का आतंक
  • किसान कर रहे स्ट्रॉबरी की खेती

हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के अडरा पंचायत  के उदयपुर में बदलाव की बयार साफ देखी जा सकती है. क्षेत्र जो कभी नक्सलियों का गढ़ था जहां उनकी बंदूकें गरजती थी, आज वहां युवा किसान स्ट्रॉबेरी की फसल उपजा कर देश के विभिन्न कोने में बेच रहे हैं.

क्षेत्र में कम हो रहा नक्सलियों का आतंक
हजारीबाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्र उदयपुर में कभी नक्सलियों का राज था. झारखंड के चतरा जिला और हजारीबाग जिला के बीच का यह क्षेत्र है जो घनघोर जंगलों से घिरा पड़ा है. यहां पहले नक्सलियों की आवाजाही थी. गांव में उनकी अकसर चहल-पहल देखी जाती थी. लेकिन हाल के दिनों में यहां बदलाव के बयार आए हैं. अब इस क्षेत्र में नक्सलियों का आतंक कम हुआ है.

किसान कर रहे स्ट्रॉबरी की खेती
यहां की युवा किसान भी अब अपनी मेहनत से एक नई फसल की खेती कर मालामाल हो रहे हैं. यह फसल है स्ट्रॉबेरी की. हाल के दो चार सालों में झारखंड में स्ट्रॉबेरी की फसल उगाई जाने लगी है. पहले इन क्षेत्रों में टमाटर की फसलें खूब लगाई जाती थी. अब किसानों ने टमाटर की जगह स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है. इन्हें इसका फायदा भी मिल रहा है. इलाके के युवा  किसान टमाटर की जगह अब स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और अपने उत्पाद शहर ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न शहरों में बेच रहे हैं.

बड़े पैमाने पर हो रही स्ट्रॉबरी की खेती
किसान बताते हैं कि पहले उन क्षेत्रों में नक्सलियों के आतंक के कारण खेती बड़े पैमाने पर नहीं हो पाती थी, क्योंकि डर के माहौल में कोई भी कार्य ठीक से होना मुश्किल था. लेकिन अब परिस्थितियां बदली है और वह दोबारा जी तोड़ मेहनत कर खेती कर रहे हैं. पिछले दो-तीन सालों तक हम लोग परंपरागत खेती ही करते थे. जिसमें मुनाफा बहुत नहीं होता था. लेकिन अब स्ट्रॉबेरी की फसल में उन्हें अच्छा फायदा हो जाता है. यही कारण है कि आसपास के सभी युवा किसान स्ट्रॉबेरी की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं.

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