केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को अब मिलेगी पैरों की मसाज की सुविधा

माता वैष्णों देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को इस बार रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी) की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से केदारघाटी के फाटा में युवाओं के लिए फुट थेरेपी का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. इसमें वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू के चार विशेषज्ञों ने 15 दिनों तक स्थानीय युवाओं को रिफ्लेक्सोलॉजी का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया.

Pilgrims visiting Kedarnath Yatra will get foot massage facility (Representative Image)
gnttv.com
  • रुद्रप्रयाग,
  • 09 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST
  • पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को होगी सुविधा
  • थेरेपी से दूर होगी यात्रियों की थकान

माता वैष्णों देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को इस बार रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी) की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से केदारघाटी के फाटा में युवाओं के लिए फुट थेरेपी का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. इसमें वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू के चार विशेषज्ञों ने 15 दिनों तक स्थानीय युवाओं को रिफ्लेक्सोलॉजी का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया. इस विधा में पारंगत हुए युवा यात्रा व ट्रैकिंग रूट पर सेवाएं देंगे, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को होगी सुविधा
केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड से शुरू होती है. 18 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचते हैं. वैसे तो तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए घोड़े-खच्चरों के साथ ही डंडी-कंडी की सुविधा भी उपलब्ध रहती है, मगर हजारों की संख्या में ऐसे तीर्थयात्री भी होते हैं, जो बाबा की यात्रा पैदल ही तय करते हैं. इसके लिए त्रियुगीनारायण से केदारनाथ पैदल ट्रैक के जरिये भी भक्त बाबा के दरबार में पहुंचते हैं. 

थेरेपी से दूर होगी यात्रियों की थकान
ऐसे में श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से इस बार वैष्णों देवी पैदल यात्रा की तर्ज पर रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मसाज) की सुविधा प्रदान की जायेगी. पैरों की इस थेरेपी से थकान दूर हो जाती है और यात्री स्वयं को तरोताजा महसूस करता है. इससे केदारघाटी के स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि पर्यटन विभाग के सौजन्य से केदारघाटी के फाटा में आयोजित फुट थेरेपी प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया है. सात दिवसीय फुट मसाज थेरेपी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जामू, फाटा, शेरसी, बड़ासू, खड़िया, खुमेरा, जाल चैमासी के युवाओं ने भाग लिया. 

क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी?
सुशील नौटियाल ने बताया कि रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की प्राचीन वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जो भारत समेत अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है. यह ऐसे सिद्धांत पर कार्य करती है, जो शरीर के अंगों व तंत्रों से जुड़ी होती है. इस चिकित्सा पद्धति में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किए अंगूठे, अंगुली व हस्त तकनीक से पैर व हाथ पर दबाव डाला जाता है. पैरों की इस मसाज से तनाव काफी कम हो जाता है और व्यक्ति को शांति व आराम मिलता है. उन्होंने बताया कि वैष्णों देवी पैदल यात्रा मार्ग पर प्रशिक्षित फुट थेरेपिस्ट रिफ्लेक्सोलॉजी के लिए 200 से 300 रुपये तक लेते हैं और प्रतिदिन एक हजार से डेढ़ हजार रुपये तक कमा लेते हैं.

(प्रवीण सेमवाल की रिपोर्ट)

 

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