प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि लोगों को अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना को 'पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' के नाम से जाना जाएगा. इस स्कीम की कुल कीमत 75,000 करोड़ रुपये से अधिक है. इस योजना का लक्ष्य हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके एक करोड़ घरों को रोशन करना है.
लोगों पर बोझ न पड़े
इसकी घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "सतत विकास और लोगों की भलाई के लिए, हम पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना शुरू कर रहे हैं. 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली इस परियोजना का लक्ष्य हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके 1 करोड़ घरों को रोशन करना है." प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना के लाभार्थियों को पर्याप्त सब्सिडी प्रदान की जाएगी और सब्सिडी को सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्होंने कहा, "लोगों के बैंक खातों में सीधे दी जाने वाली ठोस सब्सिडी से लेकर भारी रियायती बैंक ऋण तक, केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लोगों पर लागत का कोई बोझ न पड़े."
प्रधानमंत्री मोदी ने सोलर पावर को बढ़ावा देने के साथ सतत विकास को बढ़ावा देने की अपील करते हुए सभी अपने घरों वाले उपभोक्ताओं खासतौर से युवाओं को पीएम सूर्य घर - मुफ्त बिजली योजना को मजबूत करने की अपील करते हुए योजना का लाभ लेने के लिए pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर आवेदन करने को कहा है. इसके तहत घर की छत पर सोसर फोटोवोल्टिक (PV) पैनल किसी इमारत, घर या आवासीय संपत्ति के ऊपर लगाए जाते हैं.
ग्रीन एनर्जी पर जोर
सोलर पैनल लगाने की योजना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के अंतरिम बजट के दौरान की थी. सीतारमण ने कहा था कि रूफटॉप सोलर पहल, जो लोगों को सोलर इंस्टॉलेशन खरीदने और ऊर्जा को ग्रिड में वापस भेजने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है से सालाना 15,000 रुपये की बचत हो सकती है.
इस योजना के जरिए एक करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा सकेगी. वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में ये भी कहा था कि इससे इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की सुविधा बढ़ेगी और इसकी सप्लाई और इंस्टालेशन के जरिए बड़ी संख्या में वेंडर्स के लिए एंटरप्रेन्योर बनने के अवसर पैदा होंगे. इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग, इंस्टालेशन और रखरखाव को देखते हुए लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.