Modi Birthday:72वें बर्थडे पर पीएम मोदी ने कुछ यूं लिया मां का आशिर्वाद

आप सभी को पता होगा कि पीएम मोदी हर बर्थडे पर अपनी मां हीराबेन मोदी से जरूर मिलते हैं, लेकिन इस बार पीएम मोदी अपनी मां से नहीं मिल सके. इस सिलसिले में पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस बार मां का आशिर्वाद नहीं ले सका, लेकिन मध्य प्रदेश में लाखों महिलाएं, और माएं मुझे अपना आशिर्वाद दे रही हैं.

Prime Minister Narendra Modi meets his mother Heeraben Modi in Gandhinagar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST
  • 72वें बर्थडे पर पीएम मोदी अपनी मां से नहीं मिल सके.
  • लेकिन मध्य प्रदेश में लाखों महिलाएं, और माएं मुझे अपना आशिर्वाद दे रही हैं- पीएम मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं, अपने बर्थडे पर पीएम मोदी ने एक शानदार सुबह की शुरूआत की, सुबह की शुरूआत करते हुए  पीएम मोदी ने पूरे देश को प्रोजेक्ट चीता का तोहफा दिया. इस प्रोजेक्ट के तहत 70 सालों बाद 8 चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया.  1952 में देश से चीते विलुप्त हो गए थे, लेकिन आज नामीबिया के साथ सरकार के  समझौते ने खोए हुए चीतों को एक बार फिर देश में वापस ला दिया है. इन सभी आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में अपना घर मिल गया है. 

आप सभी को पता होगा कि पीएम मोदी हर बर्थडे पर अपनी मां हीराबेन मोदी से जरूर मिलते हैं, लेकिन इस बार पीएम मोदी अपनी मां से नहीं मिल सके. पीएम मोदी ने जन्मदिन के मौके पर स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर, इस दिन, मैं अपनी माँ से मिलने, उनके पैर छूने और उनका आशीर्वाद लेने की कोशिश करता हूँ,लेकिन इस बार ये मुमकिन नहीं हो सका. लेकिन मध्य प्रदेश में लाखों महिलाएं, और माएं मुझे अपना आशिर्वाद दे रही हैं. 

पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सदी और इस सदी के बीच, देश में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में एक बड़ा बदलाव आया है. ग्राम निकायों से लेकर राष्ट्रपति भवन तक, देश में नारी शक्ति का शासन रहा है, "हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिला उद्यमियों के लिए नए मौके तलाशने के लिए लगातार काम कर रही है. पिछले आठ सालों में, हमने  स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने की हर मुमकिन कोशिश की है. आज, देश भर में 8 करोड़ से ज्यादा महिलाएं इस अभियान से जुड़ी हुई हैं.  हमारा लक्ष्य इस अभियान से जुड़े हर ग्रामीण घर से कम से कम एक बहन को जोड़ना है"

 

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