Green Jobs: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रीन जॉब्स पर जोर, जानिए इसके बारे में सबकुछ

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराया. इस दौरान पीएम ने करीब 103 मिनट का भाषण दिया. अपने भाषण में पीएम मोदी ने ग्रीन एनर्जी और ग्रीन जॉब्स की भी बात कही.

Green Jobs
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST
  • जो पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद
  • पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में काम करते हैं

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. इस दौरान पीएम ने करीब 103 मिनट का भाषण दिया. अपने भाषण में पीएम मोदी ने ग्रीन एनर्जी और ग्रीन जॉब्स की भी बात कही.

पीएम मोदी ने कहा, हम 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को लेकर ग्लोबल हब बनना चाहते हैं. इसलिए आने वाले समय में ग्रीन जॉब्स का कल्चर बढ़ता है तो भारत के युवा इसमें सबसे आगे रहेंगे. हम रेलवे को नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इलेक्ट्रिकल व्हीकल की मांग बढ़ रही है.

पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों में हरित नौकरियों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश का ध्यान अब हरित विकास और हरित नौकरियों पर है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेगा.

दुनियाभर में ग्रीन जॉब्स देने वाले देशों में भारत काफी आगे है. 2020-21 में भारत ने कुल 8,63,000 ग्रीन जॉब्स को पैदा किया. आइए जानते हैं ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) होते क्या हैं.

क्या है ग्रीन जॉब्स
ग्रीन जॉब्स उन नौकरियों को कहते हैं, जोकि पर्यावरण कल्याण में योगदान करते हैं. नवीकरणीय ऊर्जा, संसाधनों के संरक्षण, ऊर्जा कुशल साधनों को सुनिश्चित करने से संबंधित नौकरियों इनमें शामिल हैं. ग्रीन जॉब्स का उद्देश्य आर्थिक क्षेत्रों के नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है. 

इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके काम से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े. जैसे हाइड्रोपावर, सोलर एनर्जी आदि क्षेत्रों में निकलने वाली नौकरियों को ग्रीन जॉब्स की श्रेणी में रखा जा सकता है. ये जॉब्स ग्रीनहाउस गैसों खासतौर पर कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने के लिए बनाई जाती हैं. ग्रीन जॉब्स का मकसद पर्यावरण को सुरक्षित रखना और चुनौतियों के लिए तैयार करना है. ये इकोसिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

भारत जिस तरह पर्यावरण के हित में फैसले ले रहा है और उन्हें तेजी से लागू कर रहा है, उससे बड़ी संख्या में हरित रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं. 1 अक्टूबर 2015 को केंद्र सरकार  ने ग्रीन जॉब्स के लिए कौशल परिषद की शुरुआत की थी. इसे एक गैर-लाभकारी, स्वतंत्र, उद्योग-आधारित पहल के रूप में स्थापित किया गया था. इसका उद्देश्य भारत के 'ग्रीन बिजनेस' क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा नौकरियां उत्पन्न करना है.

किन सेक्टर्स में है सबसे अधिक नौकरी
अगर सेक्टर्स की बात करें तो सोलर फोटोवेल्टेक वर्टिकल में सबसे अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है. इसके बाद विंड एनर्जी और हाइड्रोपावर का स्थान आता है. 

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 में कुल 1 करोड़ 27 लाख ग्रीन जॉब्स मिली हैं. ग्रीन जॉब्स देने में चीन पहले स्थान पर है. इसके बाद ब्राजील और यूरोप के देश हैं. कुल ग्रीन जॉब्स का 63.6 फीसदी हिस्सा एशियन देशों से आता है.

 

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